12 JUN 2018 AT 21:24

जब तेरा मन उड़ते हुए ठेहेर्ने का करे,
जब तेरा मन चलते चलते लौटने का करे,
जब सहमी हुई तू रातों में बिजली से डरे,
तब मैं तुझे वही मिलूँगा,
तुझे आसमान तक धकेलने के लिए,
तेरा हाथ पकड़ कर तुझे तेरी मंज़िल तक पोहोचाने के लिए,
तुझे उन रातों को सँभालने के लिए....

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