थे आइने में हम,
तो कोई देखता न था।
आइना क्या हुए,
तमाशा सा हो गया।।-
तुमने लगाया क्या कालिख आंखो पर,
लोग उसे काजल कहते है।।
हम इस्क में जरा बेपरवाह क्या हुए,
लोग मुझे पागल कहते है।।-
चिंगारी देख मचल रही है हवा,
आज कल बहुत तेज चल रही है हवा,
जो कर रहे थे साजिश मेरे मौत का,
उसको पता ही नहीं रुख बदल रही है हवा।।-
ख्याले यार हर एक गम को टाल देता है,
सुकून दिल को, तेरा ख्याल देता है।
ये मेरी मां के दुवाओं का असर है मुझपे,
मैं डूबता हूं समंदर उछाल देता है।
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आओ फिर से दिया जलाएँ,
भरी दुपहरी में अँधियारा,
सूरज परछाई से हारा।
अंतरतम का नेह निचोड़ें,
बुझी हुई बाती सुलगाएँ,
आओ फिर से दिया जलाएँ।-
मैं शून्य पे सवार हूँ,
बेअदब सा मैं खुमार हूँ।
अब मुश्किलों से क्या डरूं,
मैं खुद कहर हज़ार हूँ।
मैं शून्य पे सवार हूँ।।-
'वो पूछता है कि आप कौन है ।
कोई बतलाओ कि हम बतलाएं क्या.'
गालिब-
तू भी है राणा का वंशज
फेक जहा तक भाला जाए।
दोनो तरफ लिखा हो भारत,
सिक्का वही उछाला जाए।
नीरज चोपड़ा-
तस्वीरों को तेरी,
नजरों से चूम के ।
हम सोते है अक्सर,
तेरी I'd पर घूम के ।-