साथ चलते चलते जीवन के सफर में आगे बढ़ते रहे
सुख दुःख जो भी मिला साथ मिलकर सहते गए
जीवन फूलों की सेज हो यह परिकल्पना न थी हमारी
बस जो भी मिला जीवन में सबको प्यार से सहेजते गए-
मेरे गोपाल की झांकी लगती है बड़ी प्यारी
मेरे अंतर्मन में तेरी छवि हर क्षण बसे मुरारी-
चलो एक दुसरे के एहसासों में बस जाते हैं
छोड़ो फिक्र दुनिया की खुद की संगीत बनाते हैं-
पापा मेरी जान हो तुम मेरे सारे अरमान हो तुम
इस झूठ फरेब की दुनिया में मेरे भगवान हो तुम-
हम तो हर पल किसी और के लिए कुर्बान होते आये हैं रुसवाईयो को झेला है और बदनाम होते आये हैं
भरोसा सब पर किया ,भरोसा सबने तोड़ा है
गैरो से शिकायत क्या करे मझे तो अपनो ने छोड़ा है-
मेरे सपनों की दुनिया में कोई चुपके चुपके आता है
रेशम के सतरंगी धागों से सुन्दर सपना बुन जाता है
मै खोई रहती हूँ हर पल उसमें ,वो दूर खड़ा मुसकाता है
उम्मीदों के दामन मे हर पल मेरा बीत जाता है-
ज़माने से लड़कर जीत जायेगें हम
पर अपनो से लड़ नहीं पाते हैं
ज़ज्बात हमे कमजोर बना देते हैं
और जब भी लड़ते हैं हम ही हर जाते हैं-
हे भोले नाथ अब त करी बरसात
सगरो धान के रोपनी लागल बा
आसमान से बदरी भागल बा
सावन में धरती जरत बा
ऐको दिन ना बुनी परत बा
किसान के सांस टंगाइल बा
चिंता से मन अकुलाइल बा
कइसे होई खेती बारी
मनवा बड़ा घबराइल बा
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केहू अंजान होके भी केहू के जान बन जाला
बिन कुछ बोलले ,अंखिये से पहचान हो जाला
प्रेम के रसधार जेकरा दिलवा में बहे लागेला
महफिल में रह के भी उ बेजुबान बन जाला
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ओ कान्हा तेरी प्रीत में मैं तो बावरी हो गयी रे
तेरी मंद- मंद मुस्कनिया पे मैं तो ऐसी खो गयी रे
भूख प्यास सब बैरन हो गयी ऐसी लगन लगायी रे
रंग गयी तेरे रंग में मोहन, दुनिया से हुयी परायी रे
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