आज हमारे देश में एक अलग तरह की सोच विकसित हो रही है कि अपने बच्चों को अच्छे से पढ़ाओ और तैयार हों जाने पर विदेश भेज दो। ये लोग तर्क देते हैं कि अपने देश में रखा क्या है जो पूरी तरह से गलत है। मेरी दृष्टि में कोई भी देश ,कोई भी समाज पूरी तरह से विकसित नही है । फिर अपने देश की ही कमी क्यों दिखती है। विदेश जाकर कमाना कोई बुरी बात नहीं लेकिन बौद्धिक सम्पदा वहां जाकर बस जाए ये अच्छी बात नही।
मेरी कहानी "नालायक बेटा" से
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