गुरू नानक जयन्ती प्रकाश पर्व मिल सकता है किसी जाति को आत्मबोध से ही चैतन्य नानक -सा उदबोधक पाकर हुआ पंचनद पुनरपि धन्य साथ सिक्ख गुरूओं ने अपने दोनो लोक सहज- संज्ञान वर्तमान के साध सुधी जन करते हैं भावी का ध्यान हुआ उचित ही वेदीकुल मे 'तृप्ता' हुई वस्तुत; जननी पाकर ऐसा धन अमिताभ ।
गाथा है तेरी माँ गंगा, आई सप्तमी शिव की जटाओं मे समाई, स्वर्ग सी आभा देवो की देवभूमि , मे यूँ ज्येष्ठ दशमी को धरा मे भाई। गंगा दशहरा की हार्दिक शुभकामनायें ।
हरियाली से लिपटे पहाड, सुन्दर भाव सुकून भरे पाद , जिन्दगी को पुलकित कर देने वाले ,ये प्रकृति की वादियों मे झूमे वृक्ष, ये ऊषा की हर आभा , ये शाम की मन्द मन्द चल रही ये समीर , जो लालिमा से भरी हो पर्यावरण दिवस पर एक पेड़ लगाने से जिन्दगी की आभा रंगीन बना देती हैं , पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनायें ।