Pushpa pandey Pushpa   (काव्यात्मक प्रस्तुति)
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काव्यात्मक प्रस्तुति
Joined 10 May 2021


काव्यात्मक प्रस्तुति
Joined 10 May 2021
8 NOV 2022 AT 14:48

गुरू नानक जयन्ती प्रकाश पर्व मिल सकता है किसी जाति को आत्मबोध से ही चैतन्य नानक -सा उदबोधक पाकर हुआ पंचनद पुनरपि धन्य साथ सिक्ख गुरूओं ने अपने दोनो लोक सहज- संज्ञान वर्तमान के साध सुधी जन करते हैं भावी का ध्यान हुआ उचित ही वेदीकुल मे 'तृप्ता' हुई वस्तुत; जननी पाकर ऐसा धन अमिताभ ।

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16 JUL 2022 AT 7:18

अंचल में विराजमान , सावन की शोभा ,भोले की गाथा , हरेला की वेला ,यही रंग भरे उल्लास आते रहे , जिन्दगी महकाते रहे । शुभ दिन राधे राधे

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3 JUL 2022 AT 21:23

नयन भरे से रह गये , वक्त का अंदाज न आया ; वो चलते फिरे हम ढूंढते रह गये।

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3 JUL 2022 AT 16:41

मन को आह्लादित कर देती है,एक चुस्की चाय की तरोताजा कर देती है ।

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3 JUL 2022 AT 13:55

जिन्दगी की यात्रा थमती नहीं, समुद्र की लहर की उफान की तरह है,हर तरफ कशमकश भरी है।

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2 JUL 2022 AT 13:14

अंचल में शोभित गगनांचल गुजांयमान, हिमशिखरो के साथ, कलवित होने लगा , रमणीय बना गोद में समेटे सब ओर खुशियों की झड़ी छाने लगी।

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14 JUN 2022 AT 13:51

मांगे सबकी खैर, ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर।

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10 JUN 2022 AT 7:26

ये उदयाचंल की हर आभा निहारें, ये सुरम्य सुबह की सुगंध भाये ,धरा की सौगात हर पल छाये ये शाम अस्तांचल की लालिमा हंसी दे ।

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9 JUN 2022 AT 6:32

गाथा है तेरी माँ गंगा, आई सप्तमी शिव की जटाओं मे समाई, स्वर्ग सी आभा देवो की देवभूमि , मे यूँ ज्येष्ठ दशमी को धरा मे भाई। गंगा दशहरा की हार्दिक शुभकामनायें ।

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5 JUN 2022 AT 15:37

हरियाली से लिपटे पहाड, सुन्दर भाव सुकून भरे पाद , जिन्दगी को पुलकित कर देने वाले ,ये प्रकृति की वादियों मे झूमे वृक्ष, ये ऊषा की हर आभा , ये शाम की मन्द मन्द चल रही ये समीर , जो लालिमा से भरी हो पर्यावरण दिवस पर एक पेड़ लगाने से जिन्दगी की आभा रंगीन बना देती हैं , पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनायें ।

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