खुद ही जीना भूल गये हैं हम। खो दिया उन हसीन पलों को जिसमें जी सकते थे भरपूर हम। अपनों के सुख की तलाश में बहुत दूर तक निकल आये हैं हम। परिवार के सपने पूरे करने को खुद को ही भुलाते जा रहे हैं हम।
देख रहे हैं उम्मीदों को टूटते हुए सोचा नहीं था ये पल भी आएगा जिंदगी में न शिकवा न शिकायत नही कुछ हमारे दिल मे टूट गया है दिल सुनकर तुम्हारी गैरों जैसी बातें बहुत उदास है ये दिल देखकर तुम्हें बदलते हुए
आओ मिलकर, साथ चलें और पार करें दरिया। किस्से कहानी, सुना कर गुलजार करें दुनियां। कहें प्यारे, सुनहरी तराने जीवन में भरें खुशियां। अपनी नहीं, एक दूसरे की गिनाया करें खूबियां। लफ्ज प्यार भरे कहकर मिटाया करें दूरियां।