"शान से चलता हूँ"
ठोकरे खाता हूँ पर,
शान से चलता हूँ..
मै खुले आसमान के नीचे,
सीना तान के चलता हूँ..
मुश्किले तो साज़ है जिन्दगी का
आने दो,
उठुंगा- गिरूंगा फिर उठुंगा
आखिर मे "जितुंगा",
मै
ये ठान के चलता हूँ।
ठोकरे खाता हूँ पर
शान से चलता हूँ ।।
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कविता बनकर
प्यार की कलम से😊
कागज़ पर उतरते है
Instagram- @creativedrawing6... read more
इस चाँद से प्यारा, चाँद है मेरा
सबसे प्यारा, यार है मेरा
नूर उसके चेहरे का, चाँद से भी गहरा,
उसकी सादगी , उसका है गहना,
श्रृंगार में उसको, एक बिंदिया ही काफी हैं,
सुंदरता में उसका, ना कोई साकी है,
प्यारी वो जान से, अनोखी इस जहान से,
परियों की रानी वो, मेरे प्यार की कहानी वो,
दीदार को उसके, ये चाँद का दीदार भी फीका लगे ,
ये चाँद मेरे के आगे
ये चाँद भी फीका लगे....-
शायद हम नादां थे
जो दुनिया को पहचान ना पाए,
करते रहे सब इस्तेमाल हमारा
और हम समझे हम ख़ास है उनके!!
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मन कुछ कहना चाहता है
पर जुबा साथ नहीं देती,
मन रोना चाहता है
पर आंखें साथ नहीं देती,
लगाना चाहता हूँ गले तुम्हें
पर बाहें साथ नहीं देती,
किए लाखों जतन तुम्हें पाने के मैंने
पर कमबख्त मेरी किस्मत मेरा साथ नहीं देती!!
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तुम्हारी उड़ती हुई जुल्फे और
उन से छनकर आती शीतल चाँदनी,
चाँद की हल्की हल्की रोशनी
इस नूरानी चेहरे को और भी खूबसूरत बना रही हैं,
ये मंद पवन के झोंके
कान की बालियों से अठखेलियाँ कर रहे हैं
और पायल की मधुर झनकार
सारा समा संगीतमय कर रही हैं,
ढक गया वो चाँद शर्मा कर बादलों की ओट में
”पुष्प” इस उलझन में हैं
कौनसा चाँद ज्यादा प्यारा हैं….
वो जो आसमा में है या
वो जो मेरे साथ हैं,
जवाब देना मुश्किल हैं
उलझन सुलझाना मुश्किल हैं,
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ये जो बारिश है,बादलों का गुनाह नहीं
वे भी अपना मन हल्का कर रहे हैं बरस कर!-
ये काली घटा कुछ यू छाइ है
जैसे किसी गोरी के आँखों में काजल लगा हो,
ये मस्त पवन कुछ यू चल रही है
जैसे बिखरी जुल्फे संवार रही हो,
मंद बारिश की बूंदे कुछ यू गिरी है मुख पर
जैसे गुलाब की पंखुड़ियां पर ओस गिरी हो,
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एक ख्वाब अधूरा रह गया
एक जाम अधूरा रह गया,
हमने किया था उनसे जो
वो प्यार अधूरा रह गया,
वादा था उम्रभर साथ देने का
पर ये जिंदगी धोखेबाज निकली
और जो उम्रभर का साथ था
वो साथ अधूरा रह गया…..
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तुमने बोल कर तो कह दिया
कि हम तुम्हारे नही,
पर जानते है हम
हमारे बिना तुमने पल भी गुजारे नही
रुह से जुड़े अहसास को
कैसे मिटाओगें
क्या जी सकोगे
किसी और के सहारे कभी।।-