तुम अब इश्क़ पर नहीं लिखते ,
तुम अब कुछ क्यों नहीं लिखते ?
इज़हार पहचान थी तुम्हारी ,
तरीका निराला था सबसे ,
मगर ये बताओ पहले ,
तुम अब मुझ पर क्यों नहीं लिखते ?
ना कोई मेल अब लिखते ,
ना कलम किसी कागज़ पर घिसते ,
माना मैसेज का जवाब देते हो तुरंत ,
मगर ये तो बताओ ,
तुम अब मुझ पर कुछ क्यों नहीं लिखते ?
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