नाराज़ दिल एक दफा माफ भी कर दे,
दिल पर ज़ख्म के निशान तो रह ही जाते हैं।
सच्चा दिल एक दफा ज़ख्मों का इलाज भी कर दे,
मगर दिल के इन घावों से लहू नहीं,
एहसास टूट कर बह ही जाते हैं।।
अक्स है, दिल का ही रिश्ता है,
अगर प्यार है तो बेहिसाब कर।
तेरे पाने की ख्वाईश से कई खूबसूरत है तेरी मोहब्बत,
पाने और खोने के खौफ़ को नकाब कर।।
तेरी चाहत से चाहत को पाने की चाहत भी गज़ब है,
ख़ामोशी से अपना असर छोड़ जाती है।
मुकम्मल हो ना हो तेरी मोहब्बत तुझे, मगर एतबार है मुझे,
सच्चा है इश्क तेरा, तेरी मोहब्बत के ये बात ज़रूर नज़र आती है।।
-