खुद की तलाश जरूरी है ,
जिन्दगी ने सिखाया हमें ।
सफर पर जब निकलें हम,
मंजिल से इसी ने मिलाया हमें-
जब तक समर्पण नहीं होता ,
स्वप्न कहाँ यथार्थ में बदलते हैं ।
स्वर्ण तपने के बाद ही ,
सुंदर काया सांचे में लेते हैं ।।
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जहाँ भरोसा टूट जाए ,
जहाँ इंसानियत रूठ जाए ।
जहाँ दोस्त दुश्मन बन जाए ,
वहीं फरेब होता है ।-
उसकी आँखें खुली किताब है,
क्या तुम्हें सुख दुख पढ़ना आता है।
कलम उठाकर लिख दो जरा ,
अगर शब्दों को गढ़ना आता है।।-
मेरे दिल की बस्ती पर ,
तूने डाला डेरा है।
डर नहीं दुनिया का मुझे,
यादों पर किसका पहरा है।।-
एक तुम्हारे प्रेम का रंग ।
मेरे हृदय के आकाश पर ,
सिंदूरी सपने सजाता है।
फिर आशा और विश्वास का,
गठबन्धन करवाता है।।
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जब अंतर में पूर्णता की गागर है,
क्यो अधूरेपन में जीते हैं।
समय का चक्र कहाँ रूकता है,
अस्त होकर ही सूर्य ऊगता है।।-
आँखो से आँसू गिरने न देना,
धूमिल हो जाती हैं आशाएँ ।
जीवन पथ पर आगे बढ़ना ,
चाहे कैसी भी आऐ बाधाएँ।।-