From teasing each other to missing everyone.
From nurturing each other to growing in every situation.
From messing each other to caring in every way.
God choosen us for sharing in every where.
A brother and sister bond is forever.-
Are we really free ?
We are still struggling for our dreams.
We are facing judgement for our dressing.
We are captured by mental health issues.
We are fighting with anxiety, depressions and overthinking.
Overall are women are really free?
In there working place, home, market, and society, they always fights for their rights but in the end they are not secure.
The question always arrived," why ! Why !"
Are we really free ?
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कुछ बैर कुछ भूल माफ़ हो,
आज एक जाम दोस्ती के नाम हो,
पास ना सही दुर से ही याद दिल में बसी,
लम्हे जो बीते थे साथ कई हसी,
ना जाने फिर कब मिलेंगे यार,
इस online के जमाने में तुम जैसे यार,
Happy friendship day 🎈
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हम हारे उस दिन नहीं थे, जिस दिन हम जीत नहीं सके,
हम हारे उस दिन थे, जिस दिन हमने अपना आत्म सम्मान गंवा दिया।-
किसे तमन्ना है,
जाने को जन्नत पर
जब खुद परियों की रानी
रखती है मुझे पलकों की छांव पर,-
मां,
तुम्हारी बहुत याद आती है,
आज पहली बार तुमसे इतने दूर हूं,
ऐसे देखा जाए तो दुरियां घंटों की है,
पर दहलीज पार कर तुम्हारे पास पहुंचना
सात समुंदर को पार कर जाने जैसा है,
शादी के बाद सबकुछ बदल गया है,
अब मैं ना किसी से झगड़ा करती हूं, ना चिल्लाती हूं,
सबकी बातों को सर झुकाए चुपचाप सुनती हूं,
अब ना सुबह सात बजे तक सोती हूं,ना ही घंटों किसी से फोन पर बात करती हूं,
अब ना खाने की ज़िद करती हूं, ना ही घूमने -फिरने जाने के कहती हूं,
मां बहुत सारी बातें है कहने को,
I miss you and love you maa 💝-
500 वर्ष का इंतेज़ार आज खत्म होगा,
जब 'राम राम 'का शोर हर घर में होगा,
तेरी नाम की दीवानगी हर किसी के जबान पर होगी,
मंत्रो से बढ़कर तेरा नाम होगा,
जब धरती से अम्बर तक एक ही नाम,
जय श्री राम! जय श्री राम! राजाराम!
सीयावर रामचन्द्र की जय !
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पतझड़ के इस मौसम ने बहुत कुछ सीखा गया,
अपने बिछड़ते चलें गए, कारवां आगे बढ़ता गया,
भीड़ में अकेलापन पाया तो कभी अकेलेपन में खुद को खोजा,
हर लम्हे को महसूस किया तो जिंदगी हसीन सपने की तरह लगी,
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आंखों में तेरे ख्वाब छाए इस कदर,
लफ्ज़ो में शब्द कहां जो बयान हो सके,
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अब ना महलों की ख्वाहिश हमें
जब से आपके दिल की रानी बनी,
अब ना गहनों की चाहत हमें
जब से आपके सर का ताज बनी,
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