"उड़ने दो हमें भी आकाशगगन में ".....👭
क्यूं करते हो अपनों से धोखा शर्म करों ऐ दुनियां के बेटों,
खुद तों जीते हो बिन्दास ज़िंदगी,
हमकों क्यूं रखते हों बंद कोठरी,
जीने दो हमकों भी ,ना दो इतने दर्द हमें,
हर वक्त हर पल होठों पर झूठी मुस्कान लिए फ़िरते हैं हम,
सड़को पर तेरी गंदी नजरों से पीड़ित होंते हैं हम,
ना करों ऐसी हैवानियत की फिर कोई और दामिनी दफ़न हों जाये,
कहते हों माँ दुर्गा और माँ काली हमें ,
और फिर उस माँ का ही आँचल खींचा करते हों,
क्यूं रखते हो चेहरे पर बनावट- भरी मुखौटा,
क्यूं लज्जित हमकों करते हो,
हमसे है संसार तेरा, हम ही हैं जननी तेरी,
हम ही हैं बहना तेरी ,हम ही हैं माँ -बेटी भी,
करते हैं अनुरोध हम आज बेटियां तुझसे,
हम भी हैं आजाद परिन्दे तेरे इसी गगन के ,
भरने दो उड़ान हमें भी इन्ही खुले आकाशगगन में,
भरने दो उड़ान हमें भी इन्ही खुले आकाशगगन में........।।।।।।।
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