19 APR 2018 AT 20:07

सुनो एक नज़र देख
लूँ तुम्हें, नज़र से गिरे
हो किस तरह तेजी से,
वफा लहूँ से निकली कैसे,
सोचती हूँ अकसर तन्हा
रहते हुए,,,purnima

- Jaahnashien