सुनो एक नज़र देख लूँ तुम्हें, नज़र से गिरे हो किस तरह तेजी से,वफा लहूँ से निकली कैसे,सोचती हूँ अकसर तन्हा रहते हुए,,,purnima - Jaahnashien
सुनो एक नज़र देख लूँ तुम्हें, नज़र से गिरे हो किस तरह तेजी से,वफा लहूँ से निकली कैसे,सोचती हूँ अकसर तन्हा रहते हुए,,,purnima
- Jaahnashien