वो मेरा घर याद आता है मुझे
प्यारा घर याद आता है मुझे
- Swati Sahu-
तुम पर विश्वास था इसलिये बुरा हुआ
खुद पर विश्वास होता सब अच्छा होता
- Swati Sahu-
मां बाप से बडी कोई दौलत तो नहीं
मां बाप के अतिरिक्त कोई अपना नही
- Swati Sahu-
सुना हैं प्रार्थना मे बहुत शक्ति होती हैं
अपनी सारी प्रार्थनाओं मे ......
अपने पिता का जीवन मांगते हैं
मुझसे मेरा सब कुछ छीन लेना
सिर पर पिता का हाथ हमेशा बनाये रखना
मेरा शेष जीवन भी उनके नाम कर देना
उनको सारी बीमारी से मुक्त कर स्वस्थ कर घर वापस
कर देना ....🙏🙏🙏🙏
_ Swati Sahu-
Mai tut gayi ...
apne vishwas me
Mai har gayi ..
apni duwao me
Mai kho gayi ..
apni hi mannato me
Mai bah gayi ...
apne hi ansuon me
Ummid kabhi esi bhi
na thi naath ..
Jagdish tum rakhoge
kb apna hath ...
Aaj lad rhe apne hi pita ...
Apni hi jindagi se
Tum tham lo akar ...
Unka jivan apni khushi se
Swati Sahu-
सब्र करते करते जब सब्र का हश्र हो जाए
तब आस्था, विश्वास, श्रद्धा, शांति, भक्ति
एक समय बाद सब मर जाता है
- Swati Sahu-
परमात्मा की सर्वश्रेष्ठ रचना मानव हैं
आज उसी के अंदर मानवता गायब हैं
आज सब अपने विरुद्ध हैं नाथ
कब बोलोगे आकर ........
तू डर मत पार्थ ...!!
हम हैं तेरे साथ ....!!
!! जय श्री कृष्ण !!
- Swati Sahu
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जो हो रहा है होने दे
जो बोल रहा बोलने दे
जबाव क्यो दे सब बहक जाएंगे
यह वक्त एक दिन निकल जाएंगे
हर आंसू मुल्यवान अब और ना बहायेंगे
पत्थर बनके सबको एकदिन हम भी सुनाएंगे
खुलती नही जुबान संस्कारो के वजह
जिस दिन निकल गई भड़ास
दुबारा सब देखने को भी तरस जाएंगे
कहने को सब अपने कहलायेंगे
लिये चाकू हाथ में तुमसे हाथ मिलायेंगे
नज़रो में भरके जलन सामने से मुस्कुराएंगे
मन में लिये नफ़रत वही तुम्हारे अपने कहलायेंगे
- Swati Sahu
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घर जब माता पिता का हो
वहां रहना अच्छा लगता है
वही घर जब भाई भाभी का बन जाए
घर में घुटन सा होता है
हाथ जो सिर पर पिता का हो
जीवन जन्नत सा लगता है
रसोई जो माँ का हो
भोजन का स्वाद अमृत सा लगता है
वही अब भाभी का बन जाए
खाने से अच्छा भूखा मरना ही अच्छा लगता है
तानो पर ताने सुनाते सुनाते
जीवन बोझिल. सा. लगता है
Job लगे या तो फिर शादी हो
यह हर दिन का सुनना होता है
आयु निकल रही कुछ. बैठी ना रह
यह हर दिन का रोना होता है
- Swati Sahu
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Jo ek ehsaas hai
Wo mere pass hai
Jab ho man ekant
Tujhe dekh ho jaye sab shant .....
- Swati Sahu
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