Puran Nehra  
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Joined 16 August 2018


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Joined 16 August 2018
16 DEC 2023 AT 7:08

मैंने खुद को तेरे लिए टूट कर बिखरते देखा है
तेरे बिना हर लम्हा ख़ामोशी से गुजरते देखा है
मेरे देखें हर ख़्वाब अब मुकम्मल होने लगे है
मेरी निगाहों ने तुझे मेरे लिए सवरते देखा है


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15 NOV 2023 AT 16:34

नज़रे उठा के किसी और को देखु अब गवारा नही
एक चेहरे के दीदार ने मुझे कैदी बना दिया !!

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16 AUG 2023 AT 15:22

सराफत देखनी है तो मेरी आँखों मै देखो
बातों से हम उतने शरीफ नज़र नही आते!

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13 AUG 2023 AT 10:24

हाँ मै मानता हु की मै तुमसे ज़िद करता हूँ
मग़र ये भी है की सिर्फ तेरे लिए करता हूंँ
होंगे इस जहान में हसीन और भी परवाह नही
क्यूंकि क्या है ना मैं सिर्फ तुमपर मरता हूँ

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13 AUG 2023 AT 10:19

मैंने अक्सर तुझसे तेरे लिए ही मांगा है
खुद के लिए मांगता तो खुदगर्ज़ होता॥

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7 AUG 2023 AT 13:59

तेरे साथ बिताये लम्हों की हमदर्दी कुछ इस कदर है
हमें तन्हा और अकेला देख कर अकसर आ जाते है।।

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17 JAN 2021 AT 8:37

उनकी यादों का कोहरा, कुछ इस क़दर गहरा है
ना आगे कुछ दिखाई देता है, ना पीछे।।

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27 NOV 2020 AT 19:57

कभी तो झगड़ों हमसे भी
रूठे हुए बहुत दिन हो गए।।

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28 JUL 2020 AT 21:33

कोशिश की तुझे भुलाने की, मग़र अहसास कम नहीं होता
बहुत मरहम लगाए इस दिल पर, मग़र दर्द कम नहीं होता
हर ख़्वाब को अपनी मुट्ठी में बंद करके रखा हुआ है मैंने
रेत की तरह मुट्ठी से ख़्वाबों का फिसलना कम नहीं होता
चौखट पर बैठे हुए सुबह से शाम हो जाती है इंतजार में
हर दिन हर पल हर लम्हा तेरा इंतजार कम नहीं होता

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25 JUL 2020 AT 21:08


कभी पास बैठ कर पूछना
तब पता चलेगा क्या दर्द है मेरा।
दूसरों से पता करोगे हाल मेरा
सलामत हू, बस यही मिलेगा।।

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