प्रिय । लिखकर नीचे लिखू नाम तुम्हारा कुछ जगह बीच में छोड़ नीचे लिख दू सदा तुम्हारा लिखा बीच में क्या ? ये तुम को पढ़ना है कागज पर मन की भाषा का अर्थ समाज ना है जोभि अर्थ निकलोगी वो मंजूर है हमे झुके नैन मौन अधर या कोरा कागज अर्थ सभी का प्यार ।।।
के समय ही न हो अगर किसी के पास के समय ही न हो अगर किसी के पास तो क्यों पूछते हो कैसे हो आप हर बार सोचते है की आज कहे कुछ दिल की बात वो कहे देते है कल करे बात
जो कल कभी आता नही दो पल सुकून के देता नही है राहों में मुसाफिर बोहोत से मगर ये दिल को उस दिल के सिवा कोई भाता नहीं