दीदा
मेरी खुशी थी मेरे गम दुख का सहारा थी वो
हर बुरे वक्त में खुशी का पिटारा थी वो
छोटी मोटी बातों में लड़ दिया करती थी
गिरने लगी कहीं गलत राह पर पकड़ लिया करती थी
रोएगा नहीं दुखी नहीं होगा तू कहकर पास आकर समझाती थी
दुख में दर्द में खुश कैसे होते है ये भी वो सिखलाती थी
बड़ी बहन नहीं दोस्त बनकर बड़ा किया था उसने मुझको
कहती थी कि खुश रहा कर उसमे जो भगवान ने दिया तुझको
बड़ी मुश्किल को छोटा कर दिया करती थी
रोने लगू तो सीने से लगा लिया करती थी
क्या चाहिए तुझको बता दिया कर कहती थी
बिना बोले सब समझ जाया करती थी
कोई अंदर से तोड़े तुझको तो उसको छोटी मुस्कुराहट दे देना
किसी को जरूरत हो तो हाथ बड़ा दिया करना
खुद की जरूरत पूरी करने के लिए किसी को दुखी मत करना
अंदर रो लेना पर बाहर वालो को मत दिखाना
ऐसा बनना की कोई मुझको फक्र से बोले की ये उसकी बहन है
मे उस दिन तुझको बड़ा समझ जाऊंगी जब से पहले हर पल साथ हो जाऊंगी
सारी बाते बात रह गई बाते सारी साथ रह गई
आप नहीं हो दीदा पर आपकी यादे याद रह गई
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पूरा दिन भूलने कोशिश की फिर भी तू याद आई
दिन भर दूर रहा रात को तू पास आई
पांच साल हो गए बात मुझे याद आई
इनसे पहले जो लम्हे जिए वो बात फिर ना आई
तेरे लवजो पर चलने लगा हर तरफ से रूहास आई
आए बहुत लोग जिंदगी में पर तेरी जैसी बात न आई
जिंदा नही हे तू फिर भी रुह हमेशा मेरे पास आई
आज का दिन ही था वो जिसके बाद तू लोट कर फिर पास ना आ पाई
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छोड़ दिया उसने पर जिंदा करके भी मुर्दा उसने बनाया है
कहती थी प्यार हो मेरा और प्यार आपने करना सिखाया है
वादे करती थी सात जन्मों के ये जन्म ही अधूरा निभाया है
पूछना था उससे की दोस्ती चाहती थी तो रिश्ता क्यू आगे बड़ाया है
जैसा था मर रहा था जी रहा था फिर ऐसा क्यों बनाया है
कोशिश भी नही करनी थी तो अंदर का भ्रम क्यू जगाया है
तूने जो किया अच्छा था तो मेरे किया क्यू लगता तुझे जाया है
जान कर भी अंजान बनने का तुझे ये हुनर कहा से आया है
जिनके लिए छोड़ा तूने क्या उन से पूछकर रिश्ता बनाया है
कहती हे प्यार से नफरत हो गई उसको बता ये क्या मैने तुझे ठुकराया है
इतना करने पर भी दुआ में तेरा नाम ही आया है
तेरे लिए भीड़ खडी हे मेरे साथ तो केवल मेरा साया है
कहती हे इसमें आपकी खुशी हे समझा होता तो इस खुशी ने दिल मेरा दुखाया है
खुद से ज्यादा भरोसा किया तूने भरोसा अजमाया है
कोरे कागज पर लिख रहा था अपना सब कुछ कलम का महत्व तूने बताया है
कोस नही रहा हूं तुझको में शायद यही मेरे हाथ आया है
जिसको जितना भी दिया सबने लेकर भुलाया है
जानता हूं तुझ तक अब नही जायेगा कुछ भी पर लिख कर दिल को हल्का करवाया है
बहुत वक्त बाद कुछ लिख रहा हूं ये हुनर भी तूने सिखाया है
खुश रहना तू बस अब ये आखरी लिखा तेरे लिए आया है
बोझ बन गया था इसलिए खुद ने सब जगह से चला कर हटवाया है
खुशी इसमें हे तो चल आज फिर खुद को तुझपे लुटाया है
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के दर्द हम से हम तुम और दर्द से जुदा नही होता,
मेरे दिल में तेरे सिवा कोई अजा नही होता ,
माना की गलतियां बहुत की होगी मैने ,
पर सजा तो दे उसकी जो किया मैने ,
तेरे अलावा किसी और की सजा में वो मजा नही होता ,
तेरी सजा में हाथ उठा कर चूम लेना अलग ही होता है,
तेरे हर छूने पर दिल में बादल जैसा घ्रघर ही होता है ,
जब से तू नही है आंखों से पानी झर झर ही होता है ,
रूखी सूखी ताजी बासी जैसी भी हो तेरी महोबत ही चाइए,
तेरे हर बदलाव पर कोसता खुद को हूं,
बात बात पर खुद का गला पकड़ कर झंझोड़ता खुद को हूं ,
हर गलती की तुझसे माफी मांगता हूं,
जिंदा रहने की तेरे रूप में एक दवा मांगता हूं,
जो हुआ जैसे हुआ पुराना में नया जोड़ के आजा ,
फिर मांग रहा हूं वापस सब छोड़ के आजा,
सबको क्या और क्यू चाइए,
मुझे सिर्फ और सिर्फ तू चाइए ।-
अपनो के हाथ छूटे जा रहे हैं,
इस महामारी में सबसे भगवान रूठे जा रहे हैं,
जिंदगिया जीने के लिए सासे मांग रही है,
डाक्टर की पर्चियां जांचे मांग रही है,
किसी को किसी से मतलब नही इतना डर रहा हे हर इंसान,
अब डॉक्टर सबकी आस वही अब सबका है भगवान ,
अफरा तफरी मचा दी खो गई हर इंसान की पहचान ,
इस महामारी में मास्क और रखरखाव ही अब खुद को देगा जीवन दान,
जिसने की लापरवाई तो बोल उठेगा कोविड वाला शैतान ,
खुद की लापरवाई से अपनो में हो जाओगे अनजान ,
इसलिए रखना होगा छोटी छोटी बारीकियों पर भी ध्यान,
अभी वक्त बुरा हो रहा अपना कोई ना कोई जा रहा शमशान,
किसी को चार कांधे भी नसीब नही किसी का अपना कैसे गया सब हो गया अनजान ,
चार धागों के रिश्ते पड़ गए कच्चे सुने पड़े हे सब मकान,
अमीर हो या गरीब किसी को नही मिला जीवन दान,
कोई अपनो से दूर हुआ किसी ने नौकरी से हाथ धोया कोई दो, साल से अपनो से मिला ही नहीं उनकी सोचो तो जरा,
जो कल लगते थे मिट्टी के आज वो है सोना खरा,
जिसको पड़े मदद दूर से ही सही कर देना ,
अभी समय बुरा हे गरीबी किसी की कुछ वक्त के लिए ढक देना,
डर कर अनजान नही होना है अब बीज नया बोना है,
महामारी को हरा कर फिर सुकून से सोना है,
घर में रहकर सुरक्षा की माला बोना है वक्त लगेगा पर जीत अपनी ही होना है।-
रुलाने वाले हजार मिले ,
हंसाने वाले छीन लिए गए ,
किस्मत को क्या दोष देना ,
किसी को किसी से ना लेना देना ,
कितना कुछ भी कर लो किसी के लिए ,
उनको अपना और अपने दिखते गए ,
हमने पूछा हमारी कीमत वो बोले मेरी नजर में तुम बिक गए ,
तुम भी एरे गेरो में अब मुझे दिख गए हो ,
जाओ आगे बड़ो जिंदगी बहुत बड़ी है,
उनको प्यार नही है और हमारी आंखों में यादें उसकी ही सामने खड़ी हे,
उन्होंने बोला प्यार महोबत ओर तुम्हारा देख रेख अब हमे भाता नही,
तुझसे परेशान हूं अब क्यू तू जाता नही,
उनको किसी और की होना मंजूर हो गया ,
मेरा प्यार सब नासूर हो गया ,
लिख लिख कर गिर गिर कर समझाता रहा ,
उसके बोल से लगा में दूर जाता रहा ,
प्यार के लिए हाथ भी फेला दिए हर हद्द तक,
उसने जरूरत के वक्त पर हाथ पीछे कर लिए तब तब,
सारा सार बस इतना निकला ,
वो बोला अब जा तू न अपना निकला ,
अब उसके हम में हम नही आते हे,
मेरे लिए आंखों में उनके आसू भी नही जागते हे,
वो बड़े रुतबे वाले प्राणी है,
हमारा तो क्या हम तो अब केवल उनके मुंहजवानी है,
कोई ना इसमें खुश रहे तो रह सकते है,
हमको भी आदत है अकेले सब सह सकते है,
आज उनका वक्त उनका दौर है,
कल नही तो कभी उनके कानों में पछतावे का शोर है,
यदि नही भी आए कभी याद हम तो कोई गम नही होगा ,
क्यू की शायद हम में ही कुछ कम होगा ।
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कोई साथ ना हो छोड़ दिया हो तू साथ है,
तू बीता और आने वाले कल की आस है,
परिंदे छोड़ गए अब आसमान खाली है,
जिंदा नही है तू फिर भी निराली है,
बहुत याद आती हे तेरे सिर पर हाथ रख कर सुलाने की आदत,
बहुत वक्त से अच्छी नींद नही सोया हूं,
तेरी हर बात को सोच समझ कर ज़िंदगी में बोया हूं,
आज तेरी कमी खल रही है,
जिंदगी मुझसे आगे चल रही है,
दीदा सबने साथ छोड़ दिया मेरा,
आजा तू फिर कर दे ना नया सवेरा,
या तो साथ लेजा तू तुझमें खोना चाहता हूं,
गोद तेरी याद आ रही है आज उसमे सोना चाहता हूं।-
किसी को दिखाने के लिए नही लिखता में,
अब चंद लवजो नही बिकता में,
बिकने वाले बिक जाते हे चंद कागज़ के टुकड़ों में,
अलग अलग देखा मैने सबको अपने दुखडो में,
कोई अपनी जेबें भरने के लिए हद्द से ज्यादा गिर जाता है,
कुछ ईमानदार गरीब अमीरों के रूतबो से दबा दिए जाते है,
हर क्षण मैने इंसान का रवैया बदलते देखा है,
ये मेरा वो भी मेरा सब मेरा करते देखा है,
अपने घर में लगी आग को जल्दी दबा लेते है,
दूसरे की घर की लड़ाई में मस्त मजा लेते है,
उसके पास ये मेरे पास बस यहीं भगवान को दोष देते है,
सब कुछ मुझको ही दे दो उसको सुना कर उसी से दुआ लेते है,
कलयुग की यही काया है अमीरों को ही मिलती अब छत्र छाया है,
सोच सबकी अब यही जिंदगी यदि इंसानियत और ईमानदारी में निकली तो मानो जिंदगी जाया हैं,
कैसे समझाऊं सबको में पैसे पैसे न कर ये सब मोह माया हैं।
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ज़िंदगी में इतिहास तू रचलेगा ,
जब राम नाम जप लेगा,
रावण की जेसी मुश्किलों में भी तू डट लेगा ,
जब तू राम नाम जप लेगा ,
दुश्मन हो कोई भी दिल में उनके बस लेगा,
जब तू राम नाम जप लेगा,
हर हार को जीत में बदल लेगा ,
जब तू राम के पद चिन्हों पर चल लेगा,
जीवन तू यही जी लेगा ,
जब राम को मन में रख लेगा ।-
सुकून पाने के लिए लड़कियों से की मोहबत तो बेफावाई मिली,
प्यार पाने लिए अपनो से की मोहबत तो रुसवाई मिली,
खुशी पाने के लिए की दोस्तो की मोहबत तो पीठ पीछे बुराई मिली,
इतना सब मिल गया था मुझको फिर किताबो से हुई मोहबत तो ज़िंदगी के हर दर्द की दवाई मिली ।-