हे शारदे माँ हमसब को ऐसा वरदान दो न।
पढ़ लिख कर बने इंसान, विद्या का दान दो न।
हे शारदे माँ, हमसब को ऐसा वरदान दो न।
विद्या की हो देवी तुम, ज्ञानियों को ज्ञान देती हो।
हम बालक के मन की ब्यथा माँ तुम जान लेती हो।
हम अबोध बालक को भी माँ विद्या का ज्ञान दो न।
हे शारदे माँ हमसब को ऐसा वरदान दो न।
पढ़ लिख कर बने महान विद्या का दान दो न।
ज्ञानी की भाषा तुम सुरो की परिभाषा तुम।
हम सब के संस्कारो में अच्छाइयों की आशा तुम।
हम भक्तों पर माँ इतना तो ध्यान दो न।
हे शारदे माँ हमे ऐसा वरदान दो न।
पढ़ लिख कर बने महान विद्या का दान दो न।
श्वेत वस्त्र धारण कर सादगी सिखलाती हो।
वीणा के तान में माँ, खुशियों का सुर लगाती हो।
हँस पर विराजी मैया, हमको उड़ान दो न।
हे शारदे माँ, हमे ऐसा वरदान दो न।
पढ़ लिख कर बने महान, विद्या का दान दो न।
हे ज्ञान की देवी, हमारी अज्ञानता को हर लो।
हमारे इस प्रार्थना को मैया अपने चरणों में भर लो।
ईर्ष्या, द्वेष और नफरत से हमको निदान दो न।
हे शारदे माँ, हमे ऐसा वरदान दो न ।
पढ़ लिख कर बने इंसान, विद्या का दान दो न।- ✍️पुनीत राजा "बेबाक"
10 FEB 2019 AT 14:33