A for Aadha Apple🍎
B for Bada Apple 🍎
C for Chota Apple🍎
D for Do Apple 🍎
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मेरे अंदर मेरा छोटा सा शहर रहता है •
"Lιϝҽ ιʂɳ'ƚ αႦσυƚ ɯα... read more
Åñdâzè se na napiye hamari hasti ko
Thehre hue dariya aksar gehre hote hain..-
Telephone wire se bandha tha
to insaan azaad tha,
ab phone wire se azaad hai
aur insaan bandha hai-
मेरी दुनिया के परे
और भी दुनिया है कोई,
मेरी उलझन के परे
और भी दु:ख पलते हैं।।-
Chal chal ve tu bandeya us galiye,
jahan koi kisi ko na jaane,kya rehna wahan par sun bandeya
jahan apne hi na pechanen
Reh gae hain jo tughme
mere lamhe lauta de,
meri aankhon me aake
mughe thoda rula de.....!!!!-
कहने वालों का कुछ नहीं जाता,
सहने वाले कमाल करते हैं।
कौन ढूंढे जवाब दर्दों के,
लोग तो बस सवाल ही करते हैं।-
होठों को छुआ उसने
एहसास अब तक है।
आखों मे नमी और
सांसो मे आग अब तक है।
वक्त गुजर गया पर याद,
उसकी अब तक है।
क्या पानीपूरी थी यार
स्वाद अब तक है।-
फर्क नहीं पड़ता कि तुम छोटे शहर से हो या
छोटे मकान से क्योंकि मंजिल तो मिलती है
सिर्फ,सोंच जज्बे और काम से..।।-
पहले 15 अगस्त पर खूब पतंगबाजी होती थी।
ना धूप की परवाह,ना बारिश की खबर होती थी।
तब शायद यही हमारे लिए आज़ादी होती थी।
आज़ादी इस ज़मीन से कुछ ऊपर उठ जाने की।
एक कागज की पतंग के सहारे आसमान छू जाने की।
एक छत से दूसरी,दूसरी से तीसरी, छत पे बिना रोक-टोक जाते थे।
हम उड़ नहीं सकते थे पर अपनी ख्वाहिशों को आसमान तक पहुंचा दिया करते थे।
अब नहीं शामें हुड़दंग मचाती हैं,पतंगे तो आज भी उड़ती हैं पर ख्वाहिशें आज़ादी की तलाश में ज़मीनों पर ही रह जाती हैं..।।-