सबने अपने जीवन में
की बस यही पढ़ाई है,
तू गलत मैं सही
बस इसी की लड़ाई है।-
From love city Agra
Birth 21 July
Instagram @pujaparmar0... read more
अब तो आंसूओं की बरसात से
गीली हो जाती है अंगीठी,
याद आती है जब मुझे वो सर्द भरी रातें
और वो उसकी दी हुई अंगूठी।
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कुछ अपनी भी कह दो
कुछ औरो की सुन लो,
तो क्या हुआ जो कांटे है
कुछ फूल तुम खुद ही चुन लो।
ईधन ख़तम होते ही
थम जाएगी ये ज़िन्दगी,
जो सफर तय करना है
खुशी खुशी ही तय कर लो।-
जिस दिन आप ये समझ जाओगे ना
कि जीवन में कुछ भी निष्कलंक नहीं है
उस दिन से ये जीवन जीना आसान हो जाएगा।-
भर जाए जो दिलों में नफरत
गलती से भी उसको मत सींचना।
रिश्तों में जो हो कड़वाहट
लकीरें आपस में मत खींचना।
दिखे कहीं कुछ ग़लत जो होता
अपनी आंखे मत मींचना।
छेड़ेगी दुनिया तुम्हे मार्ग से भटकाने को
तुम गलती से भी उनपर मत खीजना।
मिले कभी कोई जो ग़लत प्रलोभन
गलती से भी मत रीझना।-
मत भूलो हर नारी है मां काली जो राक्षस संहार से खेली है,
ये दो भुजा ही काफी है मत समझो नारी अकेली है।-
मैं अपने जीवन में
बस इतना उत्साह चाहती हूं
जितने एक इन्द्रधनुष में रंग।-
ऐ बारिश हम है एक जो तेरे दीदार को तरसते है
और तू है जिसके ख़यालो के बादल कहीं और बरसते है।-
कानो में पड़ते ही मन के सब तार हिला जाते है
बस यूंही कुछ गीत पुराने तेरी याद दिला जाते है।-
क्यों पाली आवारगी खुद में
जब चार दीवारों में कैद रहना ही था।
क्यों ज़िंदा रखा बचपन खुद में
जब अदब में मुझको रहना ही था।
क्यों समेटा आसमान खुद में
जब पिंजरे को घर कहना ही था।
क्यों तका चांद तारों को मैंने
जब सर झुकाके रहना ही था।-