ख्यालों के खुशियों की ये माफी
झूठी जो दिखाई उम्मीदों की ये माफी
ये माफी उस चमक की जो आज नहीं
जहां वो हंसी इस चेहरे की असली ताज नहीं
माफी हमसफर का वादा कर साथ छोड़ने की
तेरे हाथों को छोड़ तुझसे मुंह मोड़ने की
सपनों से भरे आंखों में आंसुओं की माफी
शोर में सन्नाटो के इस गूंज की ये माफी
माफी उन कोशिशों की जो नाकाम हो गई
जहां हमारे जज्बात भीड़ में आम हो गई
ये माफी उस जख्म की जो बहुत गहरे हैं
दिल के उस दर्द की जो ना जाने कब तक सहने हैं
-इतनी सी अर्जी, हैं चाहा ये माफीनामा स्वीकार करो
हो सके तो मेरी भूलों को भूलाकर मुझे माफ करो
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