आओगे जो लौट के,
मिलेंगे उसी मोड़ पे,
छोड़ गए थे जिस राह पे,
बीन बताएं किसी बात से।-
कलम तो बस चाहत है मेरी
मोहब्बत❤️ तो कुछ ओर है जनाब ।
न सवाल करूंगी,
न जवाब दुंगी,
जो किया सही किया,
बस इतना कहके अलविदा कहूंगी।-
आंखों में आंसु ले मुस्कुराता रहा।
गमों को छुपा के हंसाता रहा।
चोट थी खुद के अन्दर,
हाल ओरो का पूछता रहा।-
लोगों ने प्यार का मजाक बना रखा हैं,
दो - चार दिनों की आशिक़ी को
प्यार बता रखा हैं,
ओर जिसने किया बचपन से प्यार
उसे ही घर से बाहर अनाथ आश्रम में बसा रखा हैं।-
कितना खूबसूरत होता न वो पल,
जब हम ख्वाबों में नहीं,
हकिकत में साथ होते।-
पिता की परवरिश ने कभी हौसला हारना नहीं सिखाया,
मां की ममता ने कभी मैदान छोड़ना नहीं सिखाया,
तो आज कैसे इस मुश्किलो को देख,
मौत जैसे आसान रास्ते चुन लू।-
मेरे सपने.....
ख्वाबों की ऊंची उड़ान भर लिया था हमने,
शायद ओकाद से जादा सोच लिया था हमने,
अपने सपनों को पाने की जिद्द ने,
अपनों की खुशियों का गला घोट डाला,
आज सपने तो पूरे हो चले हैं हमारे,
क्योंकि उन सपनो को पूरा करने के लिए,
एक पिता ने खुद को गिरवी रख दिया,
एक मां ने दर दर कि चोटे खाई,
एक बहन - भाई ने खुद के कैरियर को दाव पे लगा डाला,
अब अपने ही सपनों से नफरत सी होने लगी है,
न चाहते हुए भी अब उससे दूर जानें कि ईक्षा सी होने लगी है।
ऐ खुदा मिला दे मुझे मौत से गले,
अब इन जख्मों के साथ,
ज़िंदा रहने की ओकाद नहीं हमारी।-
खोफ अगर मरने का होगा,
तो जीयोगे कब,
अपनी ख्वाइशों को पूरा करोगे कब।
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बहन......
एक छोटा सा रिश्ता है हमारा,
कहने को तो बस बहन का रिश्ता है हमारा,
पर जान से बड़के हैं एक दूजे का साथ हमारा।
एक प्यार का सागर हैं ,
तो दुजी सैतान की पुड़िया,
एक तरफ प्यार,
तो दूजी तरफ सैतानी है उसे सुझती।
हैं छोटी सी पर बदमाशी में अवल आती।
ऐसे तो दिन भर खूब झगड़ती हैं हमसे,
पर कोई ओर चोट दे तो मुंह तोड़ देती हैं।
मेरे तकलीफों में सदा ढाल बन के
दोनों खड़ी हो जाती है।
कहने को तो बस बहन का रिश्ता हैं हमारा
पर जान से बड़के हैं एक दूजे का साथ हमारा।
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