कैसे कोई किस्सा लिख दूं ......
बनारस के अनन्त कहानी है।
हम भी बनारस के है गुरु
हमारी खुदकी वहा यांदे पुरानी है।।-
बड़ी थकी हुई हूं मां अपने गोद मे सुला ले
हे माता रानी मुझे भी अपने दर्शन के लिए
तेरे धाम बुला ले।।
🌺🌺रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं 🌺🌺-
किसी न किसी को किसी पर ऐतबार हो जाता है
एक अजनबी सा चेहरा यार हो जाता है
खूबियों से ही नहीं होती है सदा मोहब्बत
किसी की कमियों से भी कभी प्यार हो जाता है।।
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सांपों की बस्ती मे अपने अपने डेरे है,
ये आपके मुंह पर आपके और
मेरे मुंह पर मेरे हैं।।— % &-
।।*किरदार मे भले ही
अदाकारियां नही है........।।*
।।*खुद्दारी है , गुरुर है, पर
मक्कारियां नही है.........।।*-
पत्थर नहीं हुं मैं
मुझमें भी नमी है।।
दर्द बया नही करते
बस इतनी सी कमी है।।-
।। धोखेबाज दोस्त ।।
दुश्मन को भी ऐसा बेवफा
दोस्त तुझ जैसा ना मिले
जैसा धोखा दिया है।
तूने मुझको किसी और
को वैसा धोखा ना मिले।।-
।।अपने।।
अपने ही अपनो से करते हैं
अपनेपन की अभिलाषा
पर अपनो ने ही बदल
रखी है अपनेपन की परिभाषा।-
।।मुकद्दर।।
हर घड़ी खुद से उलझना है मुकद्दर मेरा
मैं ही कश्ती हूं मुझी में हैं समुंदर मेरा।
किससे पुछु की कहा गुम हुं बरसो से
हर जगह ढूंढता फिरता है मुझे घर मेरा।।
एक से हो गए मौसमों के चेहरे सारे
मेरी आंखो से कही खो गया मंजर मेरा।।।
मुद्दतें बीत गई ख्वाब सुहाना देखे
जागता रहता हैं नींद मे बिस्तर मेरा।।।।
आईना देख के निकली थी मैं घर से बाहर
आज तक हांथ में महफूज है पत्थर मेरा।।।।।
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