जब भी ये दुनिया प्रेम गुनगुनायगी
यकीनन उस वक्त तो उसे मेरी याद आएगी
हालात ऐसे होंगे उसके मुझे याद करके
दिल मचल उठेगा और आँख भीग जायगी
मेरे हाल से तो सब वाखिफ़ है 'प्रेम'
वो अपनी बदनसीबी किस किस से छुपायेगी-
दौलत शोहरत को क्या जानू
मैंने अपनी माँ को खोया है
बयां किसी से क्या करना
मेरा दिल कितना रोया है
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जब हम दोनो होते साथ दुनिया लगती कितनी प्यारी
तेरी पावन सूरत देख कर भूल जाता परेशानी सारी
कहने को तो हम भी अक्सर सबको अपना कह देते
पर आपसे यारी जुच और हैं बनी रहे ये यारी हमारी-
हालात बदलते हुए समय नहीं लगता है
खुश रहिए जनाब जब तक इश्क नहीं होता-
पूरे 500 साल के बाद अब करेंगे गृह विश्राम
सारा विश्व बना हुआ है आज अयोध्या धाम
कितनी प्रबल ईच्छा थी मेरी राम लल्ला के दर्शन की
अपने घर विराज रहे अब मेरे भी घर आएंगे मेरे राम-
ऐसा धोखा खाया है मैंने कि अब मोहब्बत पर मुझे विश्वास नहीं
जो जितना साथ दे उसका शुक्रिया ज्यादा किसी से आस नहीं-
कोहरा घना है या ये मेरे आंखों के आँसुओ की मेहरबानी है?
तेरे बाद किसी और की छोड़ तेरी भी सूरत नजर नही आनी है
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तेरे शहर को कब का पीछे छोड़ कर आ गया
अपनी यादों से कह अब तो मेरा पीछा छोड़ दें-
तुम मुझे छोड़ोगे जरूर
सहेजा भी तुमने है तो तुम मुझे तोड़ोगे जरूर-
या तो मेरे तू साथ हो
या सिर्फ तेरी बात हो
मिलती रहा करो तुम
चाहे ख्वाबो की मुलाकात हो-