जब जब और जहाँ भी तेरी याद मुझे सताती है,
मत पूछ इस दिल पर क्या कहर वो बरसाती है
तुझे पाने कि तुझे छूने कि इच्छा सी तो होती है,
पर, तुझसे दूर रहूं ये कहने वाली तेरी कसम याद आ जाती है
हर लम्हा जो गुजरा तेरे बिन वो अधूरा सा लगता है,
हमारी मोहब्बत का वो टूटा आशियां भी आज ताजमहल सा लगता है
खैर, खुदा करे तू खुश रहे आबाद रहे
क्योकिं आज भी तेरी उस मुस्कान से हमारा दिल धड़कता है ।
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