Mere zakhm aaj bhi gehre hai;;;
Prr tere sitam aaj bhi thehre nhi hai...
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कि तु थोडे़ दिन टल जा...
मौत ने कहाँ;
तेरी यहा किसी को जरुरत नहीं,त... read more
मत कर अपनी जूठ्ठी महफ़िलो में;
मेरी महोब्बत को यूँ बदनाम!!!
अगर मैं सच बताने पे आ गई तो;
सोच ले खुद से नजरे मिला पायेगा तु???-
वो दिखावा था, सिर्फ अच्छे बनने के;
आखिर में औकात दिख ही जाती है ना !!!
वो सेहनेवाला ही जानता है कि ,
वो किस कदर टूटा है ???
बाकी तुम्हारा दिल सूकुन में तो है ना !!!
चलो दिलों की अदला-बदली भी कर लेते है ;;;
तड़प क्या होती है ???
समझ तो आए जरा तुम्हें भी...!!!-
खुद को वफादार मुझे बेवफा बताते फिर रहे हो !!!
क्यों मुझे इतना तड़पा के मार रहे हो !!!
पूरे का पूरा आजमा लिया है ,
फिर भी दिल नहीं भरता तुम्हारा ???
जो अब मेरा सब्र आजमाते फिर रहे हो.....
#B̶E̶S̶H̶A̶R̶M̶ B̶E̶W̶A̶F̶A̶🔥-
बीत गया है आज एक साल ;
मेरी पहली महोब्बत का....
उसे प्यार तो कभी ना हो सका ;
पर मेरे दिल से भी कभी नहीं निकला वो....
महोब्बत एकतरफा करो या दोतरफा !!!
आखिर में मिलता सिर्फ दर्द ही है....-
मेरे मरने के बाद मेरी कहानी लिखना.!!
दर्द में तड़प रही मेरी रुह को लिखना...
लिखना मेरे होठो पे आई दो पल की खुशियों को..!
और दो पल में निकलते हुए आँसूओं को लिखना...
जब भी प्यार से मुझे कोई देखता था..!
मेरी आँखो से निकलती हुई नफरत को लिखना...
लिखना की मुझे किसी से टूटकर भी ना टूटनेवाली;
महोब्बत हुई थी..!
और फिर उस महोब्बत में मिले धोखे और;
मेरी नाकामी लिखना...
लिखना कि कभी मुझे कोई समज नहीं पाया..!
और तुमने कभी मेरी परवाह नहीं की,ये भी लिखना...
मेरे हर एक पल से वाकिफ तुम रहे थे..!
इसलिए मेरी अधुरी कहानी को अपनी;
पूरी जुबानी से लिखना....-
फरेब का महिना आया है....
झूठे वादे किए जायेगें !!!
झूठी कसमें ली जायेगी !!!
और झूठी महोब्बत की जायेगी....
फिर बेवफाई निभाई जायेंगी !!!
सच कह रही,मेरी बात मानो ;;;
दिल का कत्ल कर दो,
और गुन्हेगार भी खुद को बना लो....
पर किसी की जिंदगी बर्बाद मत करना....
क्योंकी;;;
हर कोई तुम-सा सच्चा दिलदार नहीं होता....-
होता होगा जिस्म का सौंदा महोब्बत में;
मैंने तो रुह सौंपी है सिर्फ उसके नाम !!!
लगाते होंगे लोग झूठे इल्जाम,
झूठी महोब्बत करते हुए भी !!!
मैंने तो सच्ची महोब्बत में भी;
धोखे खाते हुए लोगो को देखा है....
♕︎B̸E̸S̸H̸A̸R̸A̸M̸ B̸E̸W̸A̸F̸A̸♕︎
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मेरी बर्बादी के जिम्मेदार सिर्फ तुम हों,
मेरी तबाही के जिम्मेदार सिर्फ तुम हों,
मेरी रुह को जलानेवाले सिर्फ तुम हों,
ऐ बेरहम खुदा कुछ तो रहम कर,
कुछ सुकून तो मेरे नाम भी लिखा होगा....-