प्रवीण सिंह   (प्रवीण सिंह राधे)
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Joined 23 August 2021


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‘हिंदुआ सूर्य’, स्वाभिमान और शौर्य के प्रतीक, मेवाड़ के अमर रक्षक महाराणा प्रताप को उनके जन्मोत्सव पर उन्हें शत-शत नमन ..🙏🏻

चितौड़ की माटी, चेतक की गति और प्रताप का अदम्य साहस – ये वीरता की वो मिसालें हैं जो युगों-युगों तक प्रेरणा देती रहेंगी।

जय महाराणा प्रताप ⚔️
जय मेवाड़, जय भारत ..🇮🇳🚩

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ठीक है न माही! तुमने हारने की आदत नहीं लगाई हमें! इसलिए थोड़ा बुरा लग रहा है!
माही भाई... दिल से एक बात कहनी है —
आप जैसे लोग कहानियों में होते हैं, लेकिन हम लकी हैं कि आपको खेलते हुए देख रहे है।

आपने हमें सिखाया कि शोर मचाकर नहीं, काम करके दिखाकर जवाब दिया जाता है।
आपके हर डिसीजन में एक सोच होती थी,
और हर नज़र में एक विश्वास —कि मैच चाहे जैसा भी हो, जब तक धोनी क्रीज़ पर है, मैच अपना है। आज भले आप आउट करार दिए गए हो, कोई बात नहीं! हमलोग मैच हार गए, लेकिन विश्वास अभी भी है कि इस सिचुएशन से भी आप ट्रॉफी चेन्नई ले आओगे!
CSK को एक टीम से एक फीलिंग बना दिया आपने।
हर साल जब लोग कहते थे, "अब धोनी पुराना हो गया," तो आप चुपचाप ट्रॉफी उठाकर कह देते थे —"अभी भी बाकी है..."

आपने हमें सिखाया कि कैप्टनसी सिर्फ़ टॉस जीतने या फील्ड सेट करने का नाम नहीं है।
कैप्टनसी होती है — ट्रस्ट देने की, भरोसा बनाने की, और तब भी शांत रहने की जब पूरी दुनिया प्रेशर में हो।

आप जैसे लीडर, जैसे इंसान, जैसे लीजेंड — बार-बार नहीं आते। आपने हमें सिर्फ़ क्रिकेट नहीं, ज़िंदगी जीना सिखाया।

आप रिटायर हो या ना हो, हमारे लिए आप हमेशा वही हेलिकॉप्टर उड़ान भरता "माही" रहोगे ।
माही भाई,
आप कहानी नहीं हो,आप एक मिसाल हो। और जब तक क्रिकेट है...तब तक हर फैन के दिल में एक नाम रहेगा —
"महेंद्र सिंह धोनी।"

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हम आखिरी पीढ़ी से है
जी हां हम उस आखिरी पीढ़ी से है
जिस पीढ़ी के मांओ का कोई
सोशल मीडिया पर एकाउंट नहीं है।

हम आखिरी पीढ़ी से है
जिस पीढ़ी के मांओ को
स्मार्टफोन का लॉक खोलने नहीं आता ।।

हम आखिरी पीढ़ी से है
जिस पीढ़ी के मां अपनी कभी
शादी की सालगिरह ना मनाई हो ।

हम उस आखिरी पीढ़ी से है
जिस पीढ़ी के मांए
टूटी फूटी हिंदी बोलकर काम चलाती है।।

बाकी इसके बाद सब खत्म हो जाएगा
इस पीढ़ी के बाद की मां वो सब कुछ करेगी
जो इस पीढ़ी की मां नहीं कर पाती ।

मेरे मां के बराबर कोई नहीं 🙏

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29 SEP 2022 AT 16:36

जब टूट जात रहे प्लेट तोहारा से बचपन में
और तब माई तोहर के बहुत बोलत रहली..
अब माई से टूट जाय त कुछ मत कहिए

जब मांगत रह तू चाकलेट, ना रहे रुपया
तबो माई कहियो से लिया के देत रहली...
अब माई दवाई मांगस त, ना मत कहिए

जब तू बदमाशी कर् , माई के कहल ना सुन
तब माई तोहरा के बहुत डाटत रहली...
अब माई ना सुन स, त बुरा मत मनिह

जब तू चल ना पावत रहल बचपन में
तब माइए अंगुली पकरके चले के सिखयली..
अब माईए ना चल पावस त सहारा तू बनिह

जब तू रोए लाग, कुछो भी देख के बचपन में
तब माई तोहके सिना से लगा के चुप करावत रही
अब माई के दुख तू सह के, माई के कबो रोए मत दिह

जब तू पैदा भइल रह.. तब केहू ना रहे तोहरा पास
तब माई ये तोहरा पास रहली...
जब अंतिम वक्त आई तब तू उनका पास रहिय
हा जब अंतिम वक्त आई तब तू उनका पास रहिय

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26 SEP 2022 AT 22:00

सुनो
चलोगी क्या मेरे साथ
एक लंबे सफर पर,
मै तेरा बन जाऊंगा
और तुम हमारी बन जाना

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25 SEP 2022 AT 20:48

"जो करना नहीं चाहता किये जा रहा हूँ I
शायद अपने तरीके से जीना चाहता हूँ,
फिर भी औरों के लिए जिये जा रहा हूँ I
ना जाने किस बात की खुद को झूठी तस्सली दिये जा रहा हूँ I
किसी से बात हो तो कहूं उससे की,
शायद मैं भी दुनिया के तौर तरीके में उलझा जा रहा हूँ I
लगता है थम सी गई है ज़िंदगी यादों के सुनहरे पन्नों में,
उन्हीं यादों के सहारे जिये जा रहा हूँ I
क्योंकि जो करना नहीं चाहता किये जा रहा हूँ I"

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24 SEP 2022 AT 16:40

हम तुम्हें लिखना चाहता हूं,
तुम पढ़ना चाहोगी क्या?
हर जगह तुम्हारी बातें करता हूं,
तुम सुनना चाहोगी क्या?
तुमसे कुछ कहना चाहता हूं,
या बिन कहें तुम समझना चाहोगी क्या?
हम तुम्हारा होना चाहता हूं,
तुम हमारा होना चाहोगी क्या?

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कोई पूछे कि कैसे हो

ठीक हूं ये तो किसी से बोल सकता हूं
पर खराब है बताने के लिए कोई अपना चाहिए ना

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31 JUL 2022 AT 21:38

सुनो
प्रिय ठकुराइन

तुम्हारी हर एक अदा पर, मेरा दिल फिदा हैं

यूं तिरछी नजर से देखना और गोली दाग जाना
हस - हस के तुम्हारी मिठी- मीठी बातें करना ।
जब आऊ तेरी गली में बन हवा का झोका
देखते ही खिड़की बंद कर यू ही तेरा भाग जाना ।।

जब सजती संवरती हो तो कमाल लगती हो जाना
लाल साड़ी में तो और ही बवाल लगती हो जाना ।
भले ही ये दुनिया चांद को सबसे खूबसूरत मान ले
पर चांद से भी सुनर तुम ही लगती हो जाना ।।

जब ओढ़नी के कोर तुम दांत से चबाती हो
इस अदा पे जाना मुझको सबसे अधिक भाती हो ।
गवुआ- जवारिया में जब निकलती हो शाम में
तब गऊवा के लईकन में तुम ही लफरा करवाती है ।।

तुम्हारी इन्हीं हर अदा पर मेरा दिल फिदा है ।।

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22 JUL 2022 AT 17:06

Bye कहने के बाद भी अगर चैटिंग कंटिन्यू रहती है
तो समझ जाना कि रिश्ता मजबूरी में नहीं दिल से निभाया जा रहा है

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