सर से सभी बलाएं ले ले ऐसी दुआ कहां होती है?
दुनियां कितनी भी सुंदर हो सबसे सुंदर मां होती है।
वो क्या जानें मां की कीमत जिनको ये एहसास नहीं है,
मां की कद्र पूछना उनसे मां अब जिनके पास नहीं है।— % &-
उन्हीं को समय पर रिटर्न मिलता है
दुनियां जिस्मों की थकान में उलझी रहती है
और वो अपनी अंतरात्मा में रेस्ट करते हैं। — % &-
चढ़े थे उम्र की दीवारों पर
नज़र उलझ गई नजारों पर,
फूल डाली के हाथ से छूटा
तोहमतें लग गईं बहारों पर।
कभी ख्वाहिश नहीं की रातों ने
नज़र थी टूटते सितारों पर।
काश कोई कहीं से लौट आए
राह तकते हुए किनारों पर।
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कहीं देश द्रोह न बन जाय
एक व्यक्ति के अंधविरोध में
कहीं भारत का विरोध न बन जाए
मोदी विरोध में तुम्हारी नफ़रत
कहीं दुश्मन के हाथ का
हथियार न बन जाए,
मर्यादा लांघने वाले कहीं
देश के गद्दार न बन जाएं ।— % &-
कुछ इस तरह इन निगाहों में समा गया
बिना कुछ कहे वो दिलफरेब अंदाज़
दिल की खामोशियों को आवाज़ लगा गया।
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इक लहर के साथ कितने आशियाने बह गए
रेत पर रखा मेरा इक ख़्वाब ज़ाया हो गया।
होंठ ने जो पी लिया था आंख ने टपका दिया
ज़ख्म इक पोशीदा सा सब पर नुमाया हो गया।
दूसरों से क्या गिला करते हम इस तन्हाई का
धूप में हमसे जुदा अपना ही साया हो गया।— % &-
नहीं वो तुम नहीं थे वो तुम्हारी इक ज़रूरत थी
वफ़ा के आईने में वो कोई अंजान सूरत थी
धड़कता दिल नहीं देखा मेरी चाहत के पहलू में
तुम्हारे वास्ते मिट्टी की वो बेजान मूरत थी।-
जहां कोई उम्मीद नहीं मैं आस लगाए बैठा हूं
तूफ़ानों में भी पानी के दीप जलाए बैठा हूं।
शायद कोई दस्तक आहट भर दे सूने घर में
बूढ़े दरवाजों पर कब से कान लगाए बैठा हूं।
मुझे पता है कोई लौट कर कभी नहीं आएगा
फिर भी इन सूनी राहों पर नज़र टिकाए बैठा हूं।-
तेरी खुशियां
मेरे होंठों पर आ कर
मुस्कुराती हैं,
तेरा होना ही काफी है
मेरे होने के लिए।-