सिर्फ़ इश्क़ की इजाज़त मुझसे माँगे थे, तुम
ये ज़िस्म का सौदा तुम्हें किसने सीखा दिया
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इश्क़ ने ही मुझे बरबाद किया
पर आज भी मैं इश्क़ की तारीफ़ लिख... read more
(🙏मेरी औक़ात नहीं🙏)
लिखने का थोड़ा हुनर है, और कोई ख़ास बात नहीं
जो भी हूँ, खुद से हूँ, पुरखों की कोई जायजाद नहीं
हाँ तुमसे इश्क़ है मुझको, मैं यही हर बार कहता हूँ,
पर ये ताजमहल बनाने की, सच में मेरी औकात नहीं
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वो कहते हैं कि,
उन्हें एक पल भी वक़्त नहीं मिलता
पर हर शाम में,
कुत्तों को टहलाते नज़र आते हैं, वो
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😥😥😥
तुम मुझे मेरी मुश्किलों से, जुदा करोगे क्या
ये खुदा मुझसे रूठा है थोड़ी दुआ करोगे क्या
कल की आई बीमारी की दवा ढूंढ रहे हैं सब
मैं भी इश्क़ से बीमार हूँ मेरी दवा करोगे क्या
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सुनो ऐ इश्क़ के गद्दार, तुझे तड़पना सिखायेंगे
तेरी आँखों से गिरेंगे लहू, वक्त अपना दिखायेंगे
जब से हम मिले तुमसे खुद को भूल गए थे हम
अब हम वापिस आने का तुम्हें 'सपना' दिखायेंगे
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रूठी ज़िन्दगी की एक नई दास्ताँ बन गई
सब जमीं समझते थे वो आसमाँ बन गई
मज़बूरी में 'बाझन' का ताना सुनने वाली
मेरी ममता मौसी दूसरी बार "माँ" बन गई
🙏भगवान लम्बी उम्र दे🙏
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क्या हुआ जो तुमने भी अपना बदल दिया ठिकाना
क्या तुम्हें अच्छा लगा लोगों का दिल तोड़कर जाना
मुश्किलें जो भी हो ज़िन्दगी से बड़ी नही हो सकती
क्या अब इतना आसान है ये दुनिया छोड़ कर जाना
नम आँखों से श्रद्दांजलि
सुशांत सिंह राजपूत
🙏😭😭🙏-
"मैं कुछ दिन से बीमार क्या हुआ,
लोग मुझे धोखेबाज़ समझने लगे"
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तुम जरा मुस्कुरा दो, निगाहों में आकर
तुम हर गम भुला दो, पनाहों में आकर
तेरी थी,,, तेरी हूँ,,, और तेरी ही रहूँगी
खुद के लफ़्ज़ों में कहदो मेरी बांहों में आकर-
सिर्फ सराफत ही सब कुछ नहीं होता मेरे दोस्त
खुद में खाशियत हो तो लोग गाली भी बड़े शौख से सुनते हैं-