तुम नाराज मत होना,
ले जाउँगा तुम्हें तुम्हारे शहर के
उन बाजारों में जहाँ झुमके
तुम्हारी पसंद के मिलते हैं!-
फिलहाल तो बेरोज़गार हूँ, लिखने के सिवा कोई काम नह... read more
मैं एक गाँव में पला-बढ़ा।
वहाँ स्त्रियों की बहुत दुर्दशा थी ।
मुझे इसका कारण अशिक्षा लगा ।
कुछ अरसे बाद मैं पढ़ने को शहर गया ।
वहां भी स्त्रियों की दुर्दशा देखी ।
कारण पुरुषों का दबदबा लगा ।
फिर एक दिन मैं एक परिवार से मिला ।
वहाँ औरतें खुशहाल, खुशमिजाज थी।
कारण पुरुषों की अच्छी परवरिश व मानसकिता लगा ।-
हयात ले के चलो कायनात ले के चलो,
चलो तो सारे ज़माने को साथ ले के चलो।— % &-
इश्क़, इबादत होता है और इबादत कभी गलत नहीं हुआ करती।
डूब जाती है उनकी मोहब्बत जिनकी दुआ कबूल नहीं हुआ करती।
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मत पूछो दुनिया से, कि क्या हमारी कहानी है?
हमारी तो पहचान इतनी सी है, हम सब हिन्दुस्तानी हैं।
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तुम कड़वे नीम के जैसी हो मैं मीठा शक्कर-पारा हूँ,
तुम बाल नोचती हेजलवुड में शान से खड़ा पुजारा हूँ।
जब जीत नहीं पाती हो तब तुम फिर औकात में आती हो,
फिर शांत रहाणे से कवर ड्राइव पर जमकर चौका खाती हो।
मैं घायल टीम इंडिया और तुम हो घमंड वो गाबा का,
वो क्या हारे जिस पर आशीष हो काशी वाले बाबा का।
तुम टिम पेन की धमकी और मैं अश्विन का विश्वास प्रिये,
तुम 36 पर ऑल आउट हो मैं लिए जीत की आस प्रिये।
तुम मिचेल स्टार्क की बाउंसर हो, मैं ऋषभ पंत सा कूल प्रिये,
मैं यंग सिराज का जज़्बा हूँ, तुम RACISM की भूल प्रिये।
तुम जितनी बार पटकती हो, मैं फिर लौट कर आता हूँ,
तभी तो टेस्ट चैंपियनशिप में नंबर वन हो जाता हूँ।
हमें पोस्टर बॉय नहीं बनना, अब करो एफर्ट की बात प्रिये,
है यंग भले ही ये इंडिया, पर हिम्मत है फौलाद प्रिये।।-
मेरी भाषा की समझ कमज़ोर है,
मैं रीढ़ का पर्यायवाची 'स्त्री' लिख देता हूँ।-
तुम जन्माष्टमी पर भी बरकरार
अपने चेहरे का वो ज़माल रखोगी,
एक वादा करो मुझ से,
कान्हा के साथ-साथ
अपना भी ख़्याल रखोगी।-
तुझसे यूँ लड़ते, तुझसे यूँ प्यार करते,
तुझसे यूँ रूठते, तुझे यूँ मनाते,
कब 5 साल बीत गए पता ही नहीं चला।
#LoveUJaani-