पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम्|
मूढै: पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा प्रदीयते ||

अर्थात- पृथ्वी पर तीन ही रत्न हैं जल अन्न और अच्छे वचन। फिर भी मूर्ख पत्थर के टुकड़ों को रत्न कहते हैं।

🙏 सुप्रभातम् 🙏

- ~ प्रणयः