परोपदेशे पाण्डित्यं सर्वेषां सुकरं नृणाम् ।
धर्मे स्वीयमनुष्ठानं कस्यचित्तु महात्मनः ।।
दूसरो को उपदेश करना सभी मनुष्यों को सहज लगता है ,परन्तु स्वयं धर्म पर चलना किसी विरले महात्मा ( Rare Parson ) से होता है ।
🙏 सुप्रभातम् 🙏- ~ प्रणयः
10 JUN 2019 AT 7:38