प्रज्ञा मिश्र   (Pragya Mishra 'पद्मजा')
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Content Creator, Podcaster , Blogger at Shatdalradio, Radio Playback India and Mentza
Joined 20 September 2018


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मैं मुंबई मौसम विभाग के वेबसाइट पर अगले पांच दिन का फोरकास्ट मॉनिटर करती हूं, उसमें आज की तारीख़ पर हमेशा "Day 1" लिखा होता है। आज अगले पांच दिनों का पहला दिन है।

Today is the first day of the rest of your life.

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नींद अच्छी आ रही है
अच्छी नींद में सपने नहीं
असफलताओं को दिखाना दोस्त

रात घिरती जा रही है
घिरती रात में सच नहीं
सच की कहानी सुनाना दोस्त

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हम घटित होते देख रहे हैं
एक सुंदर वर्तमान,
अपना आज, अपना अभी
जो कल होकर
सुखद स्मृति में बदल गया
अधरों पर स्मित हो गया
आँखों में चमक भर गया
भविष्य की माला के मनके का एक मोती
यह आज का दिन, अच्छा गया

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आदमी बच्चे पैदा करता है
ताकि अस्तित्व के थोड़े से हिस्से में
यह भरम बना रहे कि कोई
उसे चाहता है, उसका इंतज़ार करता है
और घर लौटने पर दौड़ कर गले लगता है

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तुम और मैं दृश्य हैं
हमें देखा और जाना जा सकता है
हमारे सुख दुःख अदृश्य संवेदनाएं
केवल साथ निभाया जा सकता है

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ज़मीन पर खड़े रहकर
उड़ने की हसरत होती है
आसमां के करीब जाकर
फ़िर ज़मीन याद आती है

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Troll Netizen सोशल मीडिया पर गालियां देते हैं वे मनुष्य श्रेणी में नहीं आते। वे पशु भी नहीं होते क्योंकि पशु अनुशासित रहता है।

चरम-सांप्रदायिक-एडिक्शन के मारे लोगों को रिहैबिलिटेशन चाहिए। यह ड्रग्स के नशे की तरह ही आत्मा का हनन करता है।

इनसे सावधान रहें इन्हें हल्के में मत लें।

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जटिल यात्राएं सर करना
आपसी सुख दुःख साझा रखना
साथ रहना प्यार करना
एक दूसरे का मन रखना
अच्छा एल्बम तैयार करना
मीठी याद सिरहाने रखना

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सनसनीखेज फ़ैसलों का
प्रतिदिन डोज़ बढ़ाना फनकारी है
राजकाज के करामात में
लोकलुभावन घोषणाएं होशियारी है
तूफान की विस्मृति के लिए
टूटी पतवार की नाव बड़ी लहर में झोंकना कलाकारी है
बताना खुद को फकीर और
संकट काल में झोला लेकर चल देना लाचारी है
तलाशना आपदा में अवसर
यह बड़ी पुरानी बीमारी है
और उबलते लहू के उफ़ान को
ठंडे पानी की छींट से बुझाना अय्यारी है
उस पर होगी एफ. आई. आर.
जो कहेगा बिहार में चुनाव की तैयारी है

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मृत आकाश गंगाएं
नए तारों का निर्माण नहीं करतीं
इसलिए अब इस धरती पर
नहीं जनमते समाज सुधारक।

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