किसी तस्वीर को तस्वीर भी रहने दोवे भी बोलतीं हैं,ये क्या है हर वक्तसाथ एक तस्वीर के,कैंची की तरह कलम बोलती है। - Pragya Mishra 'पद्मजा'
किसी तस्वीर को तस्वीर भी रहने दोवे भी बोलतीं हैं,ये क्या है हर वक्तसाथ एक तस्वीर के,कैंची की तरह कलम बोलती है।
- Pragya Mishra 'पद्मजा'