कैसे लिखते हैं जब नहीं लिखते
किसी के पढ़ने के लिए
न किसी तुक मिलान के लिए
न प्रशंसा के लिए
न अजनबीयों में पहचान के लिए
कैसे लिखते हैं जब होकर अन्यमनस्क
अपनी ही कोशिकाओं से
जिरह चुप-चाप होती हो
कैसे लिखते हैं जब नहीं लिखते
पॉपकॉर्न से फूटते विचार,
सुनते हुए विरह के विहाग
पीड़ा में घुलते रहने के लिए
कैसे लिखते हैं......

- Pragya Mishra 'पद्मजा'