गर्म तवे जैसे ऑटो रिक्शा और सर पे तांडव करते सूरज की कसम एक धर्म छोड़ कर दूसरे धर्म में कोई सिर्फ इसलिए गया क्योंकि उसे तंग आया दिमागी इकोसिस्टम बदलना था
तू जब पेट से चिपक के सबसेट की तरह सोता है मेरी नींद का कोटा पूरा होता है और जब उनींदी आखों से खोजता है मुझे गाल पर हाथ रख कर मुझे ज़िंदगी में ज़रूरतों से ऊपर होने का बोध होता है
कई वर्षों तक माँ शब्द पर कुछ न लिखने पाने के बाद बोध हुआ कि कुछ बातों की व्याख्या अनुभव के बाद ही कर सकते हैं इस पद का भार सहर्ष स्वीकार करने वाले लोग देवदूत होते हैं
वर्तमान के सिवा कहीं और नहीं होना इच्छाएं सभी होंगी पूरी जो प्रत्यक्ष वही स्वप्न सलोना बहुत रीझ चुकी तुम वापस आओ, साथ बैठो समेटो अपना बिखराव बटोरो कतरा कतरा अनुभूत करो ठहराव