बिना बताए किसी को ,
क्यों दूर चले गए ,
क्या हम भी गैर थे जो हमे भी ,
भूल गए थे ,
माना हम आपके करीब न थे लेकिन ,
दिल से दूर भी तो नहीं थे ,-
Mai koi lekhak nhi na hi koi sayar hun bas likhta jata hun apni... read more
जिंदगी तेरे लिए ,
अफसोस होता है ,
की मै उदास होता हु दूसरों के बारे में सोचकर ,
लेकिन कभी खुश नहीं होता तुझे अपने करीब पाकर ,
तू नहीं होगी तो किसको याद करेंगे हम तो तब इस ज़माने में ही नहीं रहेंगे ,
अफसोस होता है जिंदगी तेरे लिए की काश में कभी तेरे लिए भी मुस्कुरा लेता तो आधा दर्द खुद ही खत्म हो जाता ।-
इतना चुप मत रहो ,
बस नाम ही दोहरा दो ,
जी लेंगे हम इसी के सहारे ,
अब इतना सा तो एहसान कर ही दो ,-
कुछ नहीं कहना है मुझको,
ऐसा नहीं कि मन नहीं ,
पर अब कोई सुनता ही नहीं ,
कहने को तो बहुत कुछ है ,
लेकिन कोई समझता ही कहा है ,
हम दर्द सहते है मुस्कुरा के ,
क्योंकि अब कोई आंसू देखता ही कहा है ।-
गुमनामी में जीते हैं ,
दर्द कोई नहीं समझता तो उसे बयान करना हम लाज़मी नहीं समझते ,
कोशिश की एक से जुड़ने की मगर उसने बोला अभी टाइम नहीं ,
तो अब क्या ही सोचे गुमनामी में जीते कभी हंसते कभी रोते ,
अपने जीवन में मस्त बिना किसी को सोचे ।-
जिंदगी शायरी हो गई ,
खुशी को ढूंढने बाहर निकले तो वो पन्ने पर लिखने पर मिली ,
गम बताने को कान धुनें तो पन्नों ने कलम पकड़ ली ,
अपनो को ढूंढने निकले तो कोई दिखा ही नहीं ,
दिखा तो बस कोरा कागज़ और स्याही उन्हीं का हाथ थामे हैं अभी ,-
कर देना चाहिए ऐसे परिंदों को आजाद ,
जिनसे सुख कम दुख ज्यादा हो ,
उसको भी कोई डर ना हो ,
मौत के वक्त शायद इसी कारण थोड़ी तो शर्म हो ,
की वफ़ा दी होती तो आज मौत भी सुखद होती ,
देके दगा यह हमने इतनी बड़ी भूल क्यों कर दी ।-
मगर उसमें प्यार कम दर्द ज्यादा था ,
फिर से वही भूल करने को भागता मन ,
न जाने कब समझेगा ,
की यह दर्द दोबारा कम नहीं होगा ,-