ये भी एक तमाशा हैं बाज़ार-ए-उल्फत में,
दिल किसी का हैं और बस किसी और का चलता हैं ।-
Priyanshu Kurrey
(अफ़रोज़)
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<3
Joined 2 October 2020
13 JUN 2022 AT 20:12
11 JUN 2022 AT 8:12
इश्क के पनाह में जाकर,
बर्बाद ना होने का ख्वाब भी
हमारा इनसे ही था ।-
11 JAN 2022 AT 11:42
उसे हर पल बदलता देख कर,
एक दिन हम अपनी ही मोहोब्बत से मुकर गए ।-
25 DEC 2021 AT 19:38
दूरियों का एहसास तब हुआ,
जब मैंने कहा मैं ठीक हूं,
और उसने मान लिया !-
25 DEC 2021 AT 17:31
जाम का नाम तो यारों ने लिया था,
वरना नशा तो मुझे उनकी आंखों से था ।-
24 DEC 2021 AT 15:38
अक्सर बेचैन सी रातों में बहुत रोया हूं मैं,
फिर कई दफा यूं ही रोते रोते थक सोया हूं मैं ।-
23 DEC 2021 AT 13:51
महसूस भी नहीं हुई उसे तकलीफ़ मेरी,
जो कहती थी बहुत अच्छे से जानती हूं तुम्हे ।-
22 DEC 2021 AT 16:28
उसूल के तो पक्के हो तुम फिर भी ये नहीं पता,
बेवफाई के बाद मेहबूब का हाल नहीं पूछते ।-
21 DEC 2021 AT 11:43
एक पूरे दिन के बाद जब रात होती हैं,
तब जा के उनसे कभी बात होती हैं ।-