दुआ का अंबर है...
मेरी दादी बेमिसाल है...
सबकी डाट से वो मुझे बचाती है।।..
चुपके चुपके मुझे आइसक्रीम भी खिलाती है...
मूल से ज्यादा बियाज प्यारा होता है...
दादी के लिया हर पोता प्यारा होता है।
मैं भी उनका लाडला हूं...
उनके प्यार में बावला हूं...
आज भी उनको खूब सतता हूं....
गाले लगकर उनको प्यार बहुत जतता हूं..
रखना भगवान उनको हमेशा मेरे साथ...
करती रहे वो मुझे प्यार..
इसी दुआ के साथ में अपनी बात खत्म करता हूं..
अपनी दादी के लिया भगवान से दुआ करता हूं...-
मेरे रोने से मेरा जिंदगी का सफर शुरू हुआ...(जन्म)...
मेरे अपनों के रोने पे जिंदगी का सफर ख़त्म हुआ...(मृत्यु)
क्या पाया क्या खोया इस सफर में मैंने...
मेरे जनाजे की भीड पे इसका भी असर हुआ......
मेरे जिंदगी के सफर में चहरे मुझे अनेक मिले...
कुछ मेरे दुश्मन तो कुछ मेरे दोस्त मिले..
अनोखी मेरी बात थी अनोखा मेरा सफर हुआ...
इस जिंदगी के सफर में मेरा भी एक हमसफ़र हुआ..✍✍✍✍....-
मेरा सपना है...
उसका हो जाऊं मैं|
उसकी बाहों में सो जाऊं मैं||
कर के उसकी रुह से कुछ गुफ्तगू|
जन्म जन्म के लिए उसका हो जाऊं मैं|||-
बोलना बहुत कुछ है इस दिल को!
लिखने को अलफाज़ नहीं है!!
दिल की चाहत सिर्फ तुम हो!
पर बोलने के लिए जज्बात नहीं है!!!-
जो अधूरी है ज़िंदगी उस जिंदगी का हिस्सा हो तुम....
पता नही क्या हो दुनिया के लिए!
पता नही क्या हो दुनिया के लिए!!
मेरी हर कहानी का किस्सा हो तुम ....-
सांसों को अपनी हमारे नाम कर गये।
कुछ शेर हमारे अपनी जान से लड गये।
सुलझाते रहे अपनी ही नोक झोंक हम।
बताते रहे सबको कि किस पार्टी से है हम।
पर वे दिवाने आज फिर कफ़न ओढ़ गये।
हमारी सांसों की खातिर मौत की नींद सो गये।
कुछ गद्दार है मेरे इस देश में।
जिनको फर्क नहीं पड़ता है।
एक एप के दम पर दुश्मन से कौन लड़ता है।
ये बोलने वाले आज क्यूं मौन हो गये।
मेरे देश के जवान फिर धरती की गोद में सो गये।-
अक्सर मर्द बोल कर दुःख को छिपा लेते हैं,
नहीं रो सकते सबके सामने ये खुद को समझा लेते हैं!!
जब होने लगती है घुटन खुद की ही जिंदगी से,
शायद तब खुद को फांसी पर चढ़ा लेते हैं!!-
हर परिस्थित किसी की मोहताज नहीं होती,,
कौन कहता है जवान दिलो में आग नहीं होती!!
अरे टूट जाते है अच्छे अच्छे आपनो के धोखे से,,
वरना राजपूत जैसी जिन्दगी यूँ बरबाद न होती!!-
खुद के दिल की बात नहीं लिखता,,
लोगों के जज़्बात लिखता हूं!!
जो बोल नहीं सकते खुद से,,
शायरी में उनके ख्वाब लिखता हूं!!-
उसका बोलना मुझसे कुछ बंद सा हो गया,,
मेरी मोहब्बत का नशा कुछ कम सा हो गया!!
हुआ है क्या उसको ये वो ही जाने,,
क्या है उसके दिल में ये वो ही पहचाने!!
हमारा मिलना अब कुछ बंद सा हो गया,,
शायद इसीलिए मेरा शायरी लिखना कुछ कम सा हो गया!!-