इतिहास लिखने के लिए
कलम की नहीं।।
हौसलों की जरूरत होती है।
जनाब।।-
26 OCT 2022 AT 20:44
26 OCT 2022 AT 17:23
फड़फड़ा रहे कबूतर
। उन्हें रोकेगा कौन।।
अगर मैं शांत हो गया।
तो कांड करेगा कौन।।
😎😎-
7 MAR 2022 AT 22:58
औरत
औरत हूँ सह लेती हूँ
औरत हूँ
कभी सहनसीलता की हद ना पार करना
क्योंकि जब औरत सहने पर आती है,
तो कहने वालो की औकात दो टके की रह जाती है
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7 MAR 2022 AT 21:26
जिंदगी
क्या करू , क्या ना करू
तु बता दे ए जिंदगी
समझ नही आता
तु गलत या मे
पर पर करती रह गई मैं
लोग मरी हिम्मत तोड़ गए
बाते भी बनाई
बाते भी सुनाई
पर समझ ना सके मुझे
सम्भाल ले ए जिंदगी
कही हार ना जाऊ मे
कुछ ऐसा कर डाला तुने
की तेरा जोश मेरे
होश से जा ही नही रहा
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