मर्ज़ ए इश्क़ ने दर्द दिए कुछ इस तरह अश्क़ भी बोल दिए "आख़िर इस मर्ज़ की दवा क्या, ए दिल अब तु ही बता"....... था माहौल कितना खुशनुमा, फ़िर मिली जो दिलरुबा हालात देख ए ग़ालिब, सब कुछ है कैसे बिखरा पड़ा...
Everything is good Then it's not fine... Sometimes like sweet And then it's lime... Somedays it's rain Another has sunshine... Now I have nothing But tomorrow will be mine...
पल भर की है, ये ज़िंदगी ना जाने कब किसकी नहीं... जो दिल में हो, कह दो अभी मिले ना दूजा मौका कभी... आसमाँ सी रख नियत वही खुशी के बिखेर सितारे सभी... चाँद की जो, है ख्वाइश रही भूलना उसे, हमे मँजूर नही... बस दो पल की है ये ज़िंदगी ग़मो मे बिता दे, ऐसे जायज़ नही...
Wounds do not heal anymore Now, I don't feel the pain.... Why everyone is running away When I am enjoying the rain.... What they actually need in life I never want to understand.... I let God decide my fate whatever he has planned....
है कुछ परवाना सा मगर, शायद वो अपना है क्या ये वही सुबह वाला सपना है.... युहीं बातों पर हँसी, मुझे अब आती नहीं वो पुराने गानों को मै, अब गुनगुनाती नहीं...