Priyansh Sharma   (प्रियांश)
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शीशे की
तरह आर पार हूँ,
फिर भी बहुतों की समझ से बाहर हूँ...।।
Joined 19 March 2017


शीशे की
तरह आर पार हूँ,
फिर भी बहुतों की समझ से बाहर हूँ...।।
Joined 19 March 2017
27 APR AT 10:56

मुझे मालूम है
तुम्हारा साथ रहना मुश्किल है,
मगर तेरे बिना सफर करना मुश्किल है..
बस कुछ दिन और
और तुम भूल जाओगे मुझे,
तुम्हें पर मेरे लिए भुलाना मुश्किल है...।

तुम तो कहते थे
मेरा सब कुछ तुम हो,
आजकल तुम्हें तुम भी कहना मुश्किल है..
मैं इन्तजार में
रहता हूँ तुम्हें देखने को मग़र,
तुम्हारा उदास चेहरा देखना मुश्किल है...।

मैं कमरे में इसलिए
भी रखता हूँ तस्वीर तुम्हारी,
तुमसे अकेले में तो मिलना मुश्किल है..
तुम्हें याद होगी
पहली मुलाकात हमारी,
उस दिन को जिंदगी से निकालना मुश्किल है...।

सुनो...
तुम स्टोरियों में
पढ़ लिया करो इश्क़ मेरा,
तुम्हारें सामने आकर जुबां से कहना मुश्किल है....।
❣️❣️

-


24 APR AT 12:06

तक़दीर इतनी
भी मेहरबां नही कि,
जिन्दगी तेरे साथ बसर हो..
तेरे साथ
गुजरे शामें मेरी
तेरे साथ मेरी सहर हो...।

घूमता रहता है तेरे
ख़यालों में आजकल ये,
मेरा दिल जैसे कोई बेघर हो..
एक ख़्वाहिश
सोच रखी है कबसे मैंने,
तुम रहो, मैं रहूं, एक प्यारा सा घर हो...।

तुम्हारा भी दिल
ना लगे कही मेरे बिना,
दुआओं में मेरी ऐसा असर हो..
तुम्हारे बारे में सोचूँ
तुम सामने से गुजर जाओ,
ए काश! ऐसा इत्तेफ़ाक मेरे साथ अक्सर हो...।

सुनो...
तुम्हें बचाना पड़ रहा
है सबकी नजरों से मुझे,
तुम मेरी जिंदगी का हसीं सफ़र हो...।
💌💌

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9 APR AT 21:56

एक खामियाज़ा
तो हुआ है तुमसे मिलने के बाद,
कई हसीं चेहरे रुसवा हुए है तुमसे मिलने के बाद..
पहले सब कुछ
याद रह जाता था मुझे,
तुम्हारे सिवा सब भूल गया तुमसे मिलने के बाद...।

मैंने कहानियों में
सुनी थी बातें मोहब्बतों की,
मुझे इश्क़ अच्छा लगने लगा है तुमसे मिलने के बाद..
बहुत दिनों से
कहनी थी दिल की बात तुम्हें,
मेरा दिल नही लग रहा कही तुमसे मिलने के बाद...।

पहले नींदें आंखों में
सवार रहती थी सुबह तलक,
मुझे अब ख़्वाब भी तुम्हारे आते है तुमसे मिलने के बाद...।
💌

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6 APR AT 11:48

या तो आईना
झूठ बोलने लगा है,
या मैं अब खुश दिखने लगा हूँ,
एक जंग हो
रही है मेरे दिल से मेरी,
वैसे मैं अब ठोकरों से संभलने लगा हूँ...।

इतनी बार
ख्वाबों में देखा है उसे,
कागजों पर उसका चेहरा उकेरने लगा हूँ..
तुम पढ़कर सोचते
होंगे चेहरे से मोहब्बत है मुझे,
अरे यार..मैं उसकी तस्वीर से इश्क़ करने लगा हूँ..

ये हुनर तो शुरू
से था नही मुझमे मग़र,
उसकी अदाओ को देखकर थोड़ा लिखने लगा हूँ..
पहले मैं ज़ुल्फ़ों को
लटकने, उसको चाँद कहता था,
आजकल मैं खुद को धूप उसको शाम कहने लगा हूँ...।

ए काश! उसको ख़बर
हो तो ज़िंदगी मुक़म्मल हो,
मैं उसी के लिए आजकल ख़्वाब देखने लगा हूँ...।
💌💌

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4 APR AT 11:44

दरमियाँ हमारे
अब इतना सा ताल्लुक़ है,
वो मुझे देखकर बस मुस्कुरा देता है..
समझता हूं
हाले दिल उसका मैं
एक शख्श है जो मेरा ख़याल रखता है...।

वैसे तो कमजोर हूँ
मैं रिश्ते बनाने में लेकिन,
वो मुझसे एक प्यारा सा रिश्ता रखता है..
लड़ाइयाँ भी
होती है हमारे बीच मग़र
वो मेरे ख़ातिर दिल हथेली पे रखता है...।

उम्र उसकी
हँसी पर गुजारनी है मुझे,
वो जो मेरे चेहरे पर हँसी रखता है..
कई तस्वीरें उतारी
है कागजों पर मैंने उसकी मग़र,
वो मेरे चेहरे को अपनी आँखों रखता है...।

सलाह अच्छी है कि
बिछड़ जाऊं उस से मगर,
उदासियों में वो मेरे सर को अपने कांधे पे रखता है...।
💌💌

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25 MAR AT 10:41

गुलाल सा
चेहरा है उसका,
माथे पर चंदन लगाया हुआ है..
हाथों में उसके रंग है
कलाई में कंगन पहना हुआ है...।

बालों को
रंगों से बचा रही है,
इसलिए सर पर पल्लू किया हुआ है..
बहुत दिनों बाद
देखा है उसे साड़ी में मैंने,
उसने परियों को अपना बनाया हुआ है...।

वो सबसे अबीर
का टीका लगवा रही है,
और मेरे लिए रुख़सार छोड़ा हुआ है..
उसकी आंखें
तो वैसे भी नशीली है,
आज तो उसने काजल लगाया हुआ है...।

ज्यादा तारीफें तो
नही करूँगा मैं उसकी मग़र,
उसने जीवन मे मेरे रंग बिखेरा हुआ है...।

हैप्पी होली💌💌

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15 MAR AT 16:54

तुम्हारे बिना ये घर,
घर नही बस दीवारें है,
कुछ नही यहां बस तेरी यादों के सहारें हैं..
तुम पूछती हो
कैसे गुजारते हो दिन अपना,
कुछ तुम्हारें मेसेज हैं, कुछ तुम्हारी तस्वीरें हैं...।

इस जनम में तो
इनका मिलना मुश्किल है,
हम समन्दरे इश्क़ के दो किनारे हैं..
सँवारना चाहता हूं
कभी फुरसत से इनको मैं,
तुम्हारें चेहरे पर ज़ुल्फ़ों की जो मिनारें है...।

अब भी महकता
है मेरा कमरा ख़ुशबूओं से तेरी,
हाँ...ये वही दरवाजे है, वही दीवारें है..
तुम अब भी
ख़यालों में आती हो मेरे,
तुम्हारी अब तक मुझे ख्वाहिशें हैं...।
💌💌

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3 MAR AT 21:32

कभी तो मेरी
आँखों को पढो तुम,
मैं बोलता कम हूँ मेरी ख़ामोशी सुनो तुम..
तुम्हारें होंगे
यहां याराने बहुत सारे,
इस शहर में मेरा हमदर्द हो सिर्फ तुम...।

तुमसे बात करना भी
अब कइयों को खटक जाता है,
वो दिन अच्छे थे जब अजनबी थे मैं और तुम..
मैं बता तो दूं
तुम्हारा नाम यहां सबको मग़र,
आजकल सबकी नज़रों में हैं मैं और तुम...।

मुझे तुमसे इश्क़ है और
तुम मोहब्बत कर नही सकते,
एक किनारे पर मैं हूँ,एक किनारे पर तुम..
बात सिर्फ इतनी है
कि मुझे तुम्हारे साथ रहना है,
मेरी सुबह की हंसी, रात का चांद हो तुम...।

सुनो...
वैसे तो अब कोई
ख़्वाहिश बाकी नही मेरी,
मग़र मेरा एक नामुमकिन सा ख़्वाब हो तुम...।
💌💌

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2 MAR AT 23:40

कुछ दिनों से तुम्हें
देखे बिना गुजरा है वक़्त मेरा,
और कुछ दिनो से तबियत भी नासाज़ है मेरी..
तुम्हें बस देखने भर
की कमी है आंखों में जाना,
उसके बाद तुम्हारा चेहरा मेरा, तुम्हारी बाहें मेरी...।

तुमसे दूर होकर
गुलाब भी गुलाब सा नही लगता,
तुम्हारे बिना तो अधूरी है सब बातें मेरी,
चाहता हूँ अंगूठी पर
तुम्हारा नाम लिखवाना मैं,
तुम बस हाँ कर दो देखकर आंखों में मेरी...।
💌🌹💌

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21 JAN AT 11:18

जिंदगी से मुझे
कोई शिक़वा तो नही मग़र,
उसके बिना घर में कमी सी लगती है..
कई दिन लग जाते है
मुझे एक लाइन लिखने में,
वो है कि हर दिन मुझे नई नई सी लगती है...।

मानता हूँ मुझे
कहना नही आता लेकिन,
मुझे हर बार उससे मोहब्बत होने लगती है..
अभी अभी वो करने
लगी है दिल की बात मुझसे,
पर आजकल मुझे रातों में नींद आने लगती है...।

मैं सिर्फ बात भी
कर लूं उसके साथ बैठकर तो,
उसकी ख़ुशबू मेरे बदन से आने लगती है..
कितनी बार
समझाया है मुझको उसने,
आंखों में ना देखा करो मुझे शर्म आने लगती है...।

उसका ख़याल
सर्द मौसम और सुबह की चाय,
अरे सब छोड़ो ! उसकी जुल्फें जन्नत लगती हैं..
तुम्हें सच बताऊं तो
उसको देखकर दिल ठहर जाता है,
वो कांधे पर सर रखकर बात करती है तो चाँद लगती है...।
💌💌

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