मसला ये नहीं कि तुम मुझे छोड़ गई
मसला ये है कि,मैं तुम्हें पहचान ना सका!-
जिंदगी जलती रही और हम देखते रहे
मशगूल थे उनके इश्... read more
नसीहतो का जमाना है,नसीहते सुन लिया करो
मगर खुल कर जीना हो,तो दिल की किया करो
है दुआओं में ताकत बहुत,दुआओं की खातिर
किसी भूखे का पेट भर दिया करो
जाम पीकर क्यों भूलना हर दर्द को
है हिम्मत,तो आंसुओं का घूंट पिया करो
दिल में मलाल और चेहरे पर उदासी नहीं
मिलो मुझसे जब,सिर्फ मुस्कुरा दिया करो
मौत आना हो तो आए एक झटके से
बस तकलीफ में न मरु,यही दुआ करो-
क़ुर्बत क्या बढी तुझसे मेरी जान
फिराक़ ने कहा जरा मेरे बारे में सोच कर-
बारिश में क्यों अचानक धूप निकल आया
चाय,पकोड़े,कागज के नाव,सब हो गया जाया
मेरे जोकर होने का मुझको कोई गम नहीं
एक रोता बच्चा मुझको देख कर मुस्कुराया
अच्छा हुआ कि मेरे सारे जज्बात यहीं मर गए
अच्छा हुआ कि तुमने सब साफ-साफ बताया
इस सफर का देखो हमें कुछ पता ही ना चला
थाम कर तेरा हाथ मैं बहुत दूर निकल आया
अब क्या करें किसी पर भरोसा हम
भरोसे वालो ने हीं हमें बड़ा सताया
जा चुका था उसके शहर से बहुत दूर मैं
पर आज खुद को उसी शहर उसी गली में पाया
ये वक्त जो कभी हमारे हिसाब से हुआ करता था
आज इसी वक्त ने हमारा अच्छा मजाक बनाया-
वो आती है मेरे तरफ और फिर मुड़ जाती है
लगता है हिम्मत,हम दोनों का एक जैसा है-
जिंदगी का एक हिस्सा कुर्बान किया तेरी खातिर हमने
अब,मेरा तुझको देखना भी तुझे मुनासिब नहीं लगता-
मेरी बेचैनी से मेरा कलेजा फटता है
अपना भी अब मुझे पराया लगता है
ए खुदा ले रहा है किस्तों में बदला?
जान लेने में तुझे क्यों वक्त लग रहा है-
जीत की कहानी सुनाने लायक भी होनी चाहिए
है तेरे पीछे कई काफिले और अच्छा-
लोग पूछ रहे हैं हमसे,हमारे बदले लहजे का कारण
हमने इशारा,दीवाल में टंगी एक फोटो की तरफ कर दीया-
थी जो कोई गलतफहमी,वो मिट भी सकती थी
पर तूने तो सलाह,मेरे रकीबों से लिया-