सम्मान जरूरी है
-
गृहशोभा, सरिता और मुक्ता मैगज़ीन में
https://www.g... read more
इतनी Understanding हो गई हूं कि
अपने Ex की शादी के लिए
शेरवानी पसंद कर रही हूं .-
मेरी दुनिया हमेशा फिल्मों क इर्द- गिर्द घूमती रही है, मैंने उन्हें हमेशा अपने साथ, अपने पास महसूस किया है. मैं हमेशा सोचती हूँ कि गीत कि तरह मैंने अपनी ज़िन्दगी में कितने ही गलत फैसले लिए है. मुझसे हमेशा अंशुमन ही क्यों टकराए है और एक बार तो आदित्य सा लगने वाला भी अंशुमन ही निकला.
-
कई बार मुझे ऐसा लगता है कि मैंने अपने आस-पास अपनी पसंद की कुछ फिल्मों के किरदारों को बसा लिया है, या कहे मैंने उन्हें अपना पडोसी बना लिया है. जब भी कभी मैं उदास, खुश, डिप्रेस होती हूँ या ज़िन्दगी में कुछ ऐसा होता है जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं कि थी तो उन किरदारों में से किसी एक को मैं चुन लेती हूँ यानि अपने एक साथी को पकड़ लेती हूँ और फिर उसी की तरह जीती हूँ.
-
जो स्तन और योनि को हुस्न समझते हैं ,
वह थरथराते लबों और प्रेमी से मिलने की प्रसन्नता
क्या जाने !
-