अच्छा सुनो,
वैसे तो मुझे तुम्हारा
चाय और सिगरेट
का बेमेल साथ बिलकुल
भी नहीं पसंद,
पर दिन बहुत बीत
गए है इस कम्बख्त
चाय पे मिले
आज वक़्त हो तो फिर चले आना,
मिलने बेवक़्त वाली चाय पर
तुम्हारी पसंद का कुल्हड और
चुराया हुआ लाइटर इंतज़ार कर रहा है
बोलो आ रहे हो ना ‘तुम' !!
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जितना है,
बहुत है !!
भाग मत बस छोड़ मत, लगा रह !!
मुझे अंत से डर नहीं लगता
क्यूंकि अंत हुआ है हर रात के साथ
और शुरुवात नयी हुई है
हर भोर के साथ-
Reading a success story is all we do to get inspiration,
What makes count is creating and going through the same process of rejection, fear and finally reciveing a YES..☺☺
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अब फर्क नहीं पड़ता
हज़ारो की भीड़ से निकल
तुम सामने से गुज़र भी जाओ
कैसा भी हो अच्छा लगता हैं, एक लड़का मेरा दोस्त..☺☺-
कभी तो याद आती होगी न मेरी भी,
जब सारे झूठ मेरे सुना कर
उसके सामने भी रो दिए होंगे तुम
ठीक वैसे ही जैसे मेरे साथ किया करते थे
कैसा भी हो अच्छा लगता हैं, एक लड़का मेरा दोस्त..☺☺-
कुछ खुशियां मांगी थी तुमसे अपनी पसंद की एक कतार से
मालूम न था पत्थर है दिल मांस का तुम्हारा
कैसा भी हो अच्छा लगता है, एक लड़का मेरा दोस्त..☺☺-
मग़रूरियत भी जरुरी है ज़ख्मो के साथ,
कब कौन नमक डाल दे पता ही नहीं चलता..😊😊-
चलो मान लिया एक तरफ़ा ही थी मोहोब्बत मेरी,
पर कभी तो महसूस हुई होगी न तुम्हे भी कमी मेरी ??
कैसा भी हो अच्छा लगता हैं, एक लड़का मेरा दोस्त..☺☺-