अपना बचपना अभी तक गया नहीं,
मेरी गोद में एक बचपन भी आ गया,
हम कब इतने बड़े हो गए,
इतनी जल्दी वक्त कैसे गुज़र गया!!!
देर से सोना देर तक सोना कभी,
पर मां ने कभी मेरी उठाया नहीं,
अब उसकी एक हलचल से उठ जाती हूं,
गहरी नींद अब मुझको आती नहीं!!
बातें बहुत बनाती थी मैं पहले कभी,
इससे बातें पर कर पाती नहीं,
Selfish हो गई हूं शायद थोड़ी सी,
के सोते हुए को मैं उठाती नहीं!!
ज़िंदगी कुछ थमी हुई सी लग रही है,
खुशी है पर कुछ कमी सी लग रही है,
हर दिन एक नया experience है,
आंखों में कुछ नमी सी लग रही है!!
नन्हीं सी जान मेरी जान है वो,
कितना मासूम कितना नादान है वो,
अंगड़ाई पर उसकी दिल हार जाती हूं,
मेरी पूरी दुनिया मेरा जहान है वो!!!
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