ज़हर लगती है नाउम्मीदी इश्क़ में,
पाकर उसे फ़िर खोना अच्छा नहीं लगता!
बिन ग़लती के भी मानते हैं आशिक़ क़सूर,
उसे गलती पर भी कसूरवार होना अच्छा नहीं लगता!
समझाने को यहां सारी दुनिया मयस्सर है,
फ़क़त सुनने समझने में किसी का दिल नहीं लगता!!
मुतासिर हूं उसी से जिसपे ये दिल हारा है,
उसे फ़िर मेरा मुकम्मल होना क्यों अच्छा नहीं लगता!
तमाम जंजाल इस दुनिया के मैं सुलझा के बैठी हूं,
उसे मुझसे उलझना क्यों आखिर अच्छा नहीं लगता!!!
पाकर उसे उसी के इंतेज़ार में हूं मैं
खोने से फ़िर मुझको उसे क्यों डर नहीं लगता!!
साथ चलते हुए भी राहें अलग अंजान लगती हैं,
एक ही मंज़िल का सफ़र हमें अब आसान नहीं लगता!!
कुछ लगता है कभी, कभी कुछ भी नहीं लगता,
यूं चुप रहना कभी कहना, कुछ अच्छा नहीं लगता!!!!
#kuch_baatein_ankahi-
Mil gaya h wo shaks jiske sath ye Zindagi bi... read more
हरदम इंसान हारता है,
ये ख्वाहिशें जीत जाती हैं
हम ख़ुद से सौ दफा लड़ते हेयर,
इनके लिए अपनों से भी झगड़ते हैं,
पर पूरा कर भी सुकून कहां मिलता है।।
ख्वाहिशों के खेल में कुछ पता कहां चलता है!!
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अपना बचपना अभी तक गया नहीं,
मेरी गोद में एक बचपन भी आ गया,
हम कब इतने बड़े हो गए,
इतनी जल्दी वक्त कैसे गुज़र गया!!!
देर से सोना देर तक सोना कभी,
पर मां ने कभी मेरी उठाया नहीं,
अब उसकी एक हलचल से उठ जाती हूं,
गहरी नींद अब मुझको आती नहीं!!
बातें बहुत बनाती थी मैं पहले कभी,
इससे बातें पर कर पाती नहीं,
Selfish हो गई हूं शायद थोड़ी सी,
के सोते हुए को मैं उठाती नहीं!!
ज़िंदगी कुछ थमी हुई सी लग रही है,
खुशी है पर कुछ कमी सी लग रही है,
हर दिन एक नया experience है,
आंखों में कुछ नमी सी लग रही है!!
नन्हीं सी जान मेरी जान है वो,
कितना मासूम कितना नादान है वो,
अंगड़ाई पर उसकी दिल हार जाती हूं,
मेरी पूरी दुनिया मेरा जहान है वो!!!-
शायद कहीं,
उम्मीद अभी भी बाकी है,
तुमसे मिलने की,
सब पाने की,
जो खो गया है,
कहीं गुम हो गया है,
तुम ढूंढना नहीं चाहते,
मुझसे मिलना नहीं चाहते,
पर फिर भी,
शायद कहीं,
शायद नहीं,
पर उम्मीद अभी भी बाकी है!!-
वो मेरी मां को भी मां कहकर ही पुकारता है,
कुछ इस तरह संजीदगी इश्क़ की बयां करता है!!-
अज़ान की गूंज उसकी यादों की दस्तक दे जाती है,
मैं ज़िद्दी फ़िर रात भर ख़ुदा से लड़ता रहता हूं!!-
"वो" meri kamzori kabhi ho hi nahi sakta,
Jo haalat se ladne ki "ताक़त" deta hai mujhe!!-
Wo ladka...
Wo ladka jisse mane shadi ki h...
Apni jaan se zyada pyar karta h mujhse...
Mujhe bahut khush rakhta h...
Main udaas hu agar toh wo pareshan ho jata h..
Main naraz ho agar toh use neend nahi aati..
Mera mood kharab ho toh pagalpanti karta h mujhe hasane k liye..
Bike par aate hue mujhse baat karte hue zoron se chillata h
"I love you!!!
Agle pal
"Hat jao sab meri biwi wait kar rahi h"..
Jab tab khta h "tu sundar lag rahi h"
Meri wardrobe ki mujhse zyada chinta karta h..
Sabse chhup kar meri kam m help bhi karta h ..
Possessive h aur caring bhi..
Usse bhi zyada cute aur loving..
Uske bina zindagi imagine bhi nahi kar sakti..
Wo mera sab kuch h...
I love him!!! Dil se ...itna k bayan nahi kar sakti ....
😘😘-
परेशान हूं मैं अपने अंदर के शोर से,
एक सीटी जो गूंजती है जब तब कानों में,
एक आवाज़ जो कुछ न कुछ कहती रहती है,
कुछ समझ नहीं आता, एक बेचैनी है,
कहीं मन नहीं लगता, कुछ अच्छा नहीं लगता,
बात करनी है पर बात कर नहीं पाती,
गुस्सा भी आता है पर सह नहीं पाती,
कुछ कह नहीं पाती, कुछ कर नहीं पाती,
एक ओर अजीब सा अकेलापन,
एक खामोशी सी है,
दूसरी ओर, परेशान हूं मैं अपने अंदर के शोर से!!-