कुछ छूट गये
कुछ लूट गये
कुछ रिश्ते....
योंही टूट गये....।-
हमारी भाषा हमारी हिंदी
हमारे माथे की बिंदी...।
मुसकुराती खिलखिलाती
हमारी भाषा हिंदी.....।
भाषा की अपनी गरिमा
हमारी हिंदी की महिमा...।
हिंदी भाषा की बखान
हमारी हिंदी हैं महान....।
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कुछ लोग कहते रहे
कुछ लोग जलते रहे
कुछ लोग सहते रहे
हम अपनी रूह से
आगे को चलते रहे।-
दशहरा
अधर्म पर धर्म की
झूठ पर सच की
अन्याय पर न्याय की
दुर्जन पर सज्जन की
दुरात्मा पर परमात्मा की
हार पर जीत की
हमारी तरफ से विजयादशमी की
बहुत बहुत शुभकामनाएं....🌺
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सुबह अधूरी हैं जब तक....
हाथों मे गरम प्याली की चाय न हो.....।
आँखों के पास अखबार न हो...।
तेरे साथ मेरा तकरार न हो...।😇-
#बिटिया जी
आप हमारे घर की मेहमान हो..।
कितने भी रस्म हो....।
कितने भी रिवाज हो....।
आप हमारे परिवार की जान हो...।
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चलो लमहे चुराते हैं
कुछ सुकून का....
कुछ तनहाई का...
कुछ लमहे चुराते हैं...
हम तुम्हें आजमाते हैं।
थोड़ा हँसते थोड़ा मुसकुराते
थोड़ा खिलखिलाते हुये
थोड़ा लमहा चुराते हैं....।😄-
जिदंगी का हर रंग हर लमहा
तेरे संग जियेंगे.....
चाय का घूंट तेरे संग ही
बैठ कर पियेंगे..🍮🍮-
खुशियाँ पैसों की ....
मोहताज नहीं...
मिलता चंद लमहा..
किसी के गुलाम नहीं..।
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जिन्दगी का दरवाजा
यों ही बंद मिलते दरवाजे...।
खुलवाने पर मिलते ताने-बाने...।
नहीं सुननी किसी की बातें....।
हद हो गयी सहने की भी....।
नहीं करनी किसी से वादें....।
हमारे हैं अपने कुछ इरादें....।
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