राधा को रंगने आई कान्हा की पिचकारी। राधा संग रंग गई गोपियाँ भी सारी। राधा हो गई क्रोध की मारी, फिर कान्हा ने बताई बात सारी.... हे राधे! ये रंग ना जाने जाति ना ही बोली, इसलिए, प्रेम से मनाओ सब संग होली।
I do not want a boyfriend. If I have you my dear friend. Whenever I felt broken, alone and not okay. You taught me that, It's okay to not be okay. You make me feel like sunshine. Will you be my Valentine???
जो बीत गई वो बातें वहीं छोड़ कर चलते हैं। जो छोड़ गए, उनकी तरह हम भी आगे बढ़ते हैं। नई खुशियों के लिए अपना दामन खाली करते हैं। आओ इस नए साल की शुरुआत हम नए नज़रीए से करते हैं।
....और फिर हमारे रिश्ते में एक ऐसा भंवर आया, हम में से कोई एक दूसरे से फिर मिल न पाया। क्योंकि नाराज़गी शायद कुछ ज्यादा ही थी दोनों को, इसीलिए तो चाह कर भी, ना उनसे मुझे मनाया और ना मैंने उसे मनाया।
इस छोटी सी जिन्दगी में, हर बात में खुश रहना सीख गए । जो हमें गया भूल, उसके हर ज़ज्बात में खुश रहना सीख गए। अपनी खुशियों को भूल, उसकी मुस्कान में खुश रहना सीख गए। जो साथ नहीं, उसके एहसास में खुश रहना सीख गए । जो हमसे हैं नाराज, उसके इस अंदाज़ में खुश रहना सीख गए। जो कभी हमारी जिन्दगी में लौटेगा नहीं, उसकी याद में खुश रहना सीख गए।
वनवास पुरा कर, श्री राम जब घर आए। स्वागत में उनके, सबने तब दीप जलाए। माता लक्ष्मी की आराधना करते। श्री गणेश को घर बुलाते। आओ दीपों का यह त्यौहार मनाते। मिल-जुलकर सब खुशियाँ फैलाते।