पहले छूटा मासूम बचपन,
अब छुटा है अपनापन।
रूठ गए कुछ रिश्ते हमसे,
कुछ रिश्ते हमने तोड़ दिये।
होकर विलुप्त मोह माया में,
रिश्ते तो पीछे छुट गये ।।
कुछ रिश्ते छूट गए,
कुछ अपने रूठ गए।
छुट गए बचपन के रस्ते,
वो लम्हें पीछे छूट गए ।
खट्टे मीठे बचपन के रिश्ते,
कुछ अपनो की खातिर, कुछ अपने छूट गए
कुछ रिश्ते टूट गए।।
शान्त हूँ हैरान हूँ,
सवालों से घिरी इंसान हूँ।
कैसे कैसे, हम
पग पग चलते जा रहे,
नादानी साथ ले जा रहे।
नहीं समझते रिश्तों को अब,
शोहरत के पीछे जा रहे।
हैरान हूँ परेशान हूँ,
इस बात से अंजान हूँ
क्यूँ लोग बदलते जा रहे,
क्यूँ लोग बदलते जा रहे।।-
Then every facet
becomes diaphanous
to have a rapport
with dramatis personae!!-
तुम खुश हो, तो मैं भी अब रोती नहीं,
होने को मायूष कोई वजह भी होती नहीं।
बिखर जाऊँ जो टूट के, मैं वो मोती नहीं,
अल्फाजरूपी मोती को कच्चे धागे में अब पिरोती नहीं।
हैं जो आशायें, उन्हें अब किसीसे कहती नहीं,
होते तुम हमदर्द सच्चे, तो ये दूरियाँ कभी होती नहीं।
किस्मत जो साथ होती, तो मैं भी कुछ खोती नहीं,
बेशक हो गए सब दूर मुझसे पर मैं कोई पनौती नहीं।-
दिन खुशी का जरूर है, मगर खुश नहीं हैं हम।
सारे शहर में शोर है, मगर खामोश बैठे हैं हम।
इक तुझे पाने की चाहत में, सब कुछ खो बैठे हैं हम।
अपने पास मुझे भी बुला ले, रब से यही कहते हैँ हम
अब तो आइना भी नहीं देखते, खुद से इस कदर रूठे हैं हम।
-
Is now have become the shine of my happiness
Because, I have burned all of my worries in it-
Our Conscienceness always try to tell something,
What matters is how much time we take to get to hear that voice!!-
The heaven of tasty food without which I can't even imagine to start my day.
-
Sometimes, aloneliness can be your best friend and best teacher too.
-
If you have eagerness,
To learn the things
Even you'll learn from
Your surroundings,
(Read full poem in caption)-